Guys plz help out asap !!
Plz tell me the meaning of this doha :
तिनका कबहूँ न निंदिंए , पाँव तले जा होय ।
कबहूँ उडि आँखिन परै , पीर घनेरी होय ।।
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Heya...
Here is your answer.....
कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !
Thanks...!!!
XD
Sorry baby 'wink'
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