Hindi, asked by chetnachaudhary, 1 year ago

GUYSSS plzz helppp meeee!!!!1
i need a poem on nature or vigyan ki dain . in hindi !!!

plzz helpp mee as fast as u can..

its 60 points ......question plzzzzzz guyss dont just simply answer for points i realyy needd the answer..

Answers

Answered by vinayak4x
4
ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

– डॉ कुशल चन्द कटोच

DiyaDebeshee: i m not a poet...so i can't write by my own
DiyaDebeshee: but i can give u from net
chetnachaudhary: help me out howevr u can :)
Aasya: Net se nhi de skte...?
vinayak4x: check the new answer sister
vinayak4x: it is
vinayak4x: तेरी याद सा मोसम (डॉ कुशल चन्द कटोच)
chetnachaudhary: ohhk i like it thks bro :)
vinayak4x: anytime sis . bye
Latikaagrwal: nice poem
Answered by DiyaDebeshee
2
 vigyan ki dain 

कण कण में है ज्ञान जो

गए अगर पहचान वो

दुनियां अपनी सारी है

हाँ ऐसी सोच हमारी है

वैज्ञानिक सोच हमारी है ।
धरती को है नापा हमने

रहस्य चंद्र का जाना हमने

शून्य में भी तैर लिये

अब अन्य ग्रहों की बारी है

वैज्ञानिक सोच हमारी है ।
खोज हमारी आदत है

प्रयोग हमारी फितरत है

छोटे छोटे भले ही हम

हममे क्षमता भारी है

वैज्ञानिक सोच हमारी है ।
तप्त न और धरती हो

विलुप्त न अपनी सृष्टि हो

सुंदर सुखी समष्टि जगत हो

ऐसी दृष्टि हमारी है

हाँ ऐसी सोच हमारी है 

वैज्ञानिक सोच हमारी है ।

Latikaagrwal: nicee poem
DiyaDebeshee: i have studied in my childhood class
vinayak4x: actually I have not even heard of this author
vinayak4x: maybe
vinayak4x: once maybe
DiyaDebeshee: i didn't name the author name
chetnachaudhary: oh thts gr8 thnkuu
vinayak4x: okay my bad
vinayak4x: wrong place wrong chat
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