Hindi, asked by judescah4696, 20 days ago

H.W.
1) आ+प्+अ+ण्+अ:=
2)प्+इ+त्+उः=
3)ल्+अ+व्+अ+ण्+अ+म्=
4)आ+र्+आ+म्+ए+ष्+उ=
5)आ+क्+आ+श्+अ:=

Answers

Answered by gyaneshwarsingh882
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Answer:

Explanation:

वर्ण दो प्रकार के होते हैं -

स्वराः (स्वर) - वे अक्षर जिनका उच्चारण करने के लिए किसी अन्य अक्षर की सहायता लेनी पड़ती है।

व्यंजनानि (व्यंजन) - वे अक्षर जिनका उच्चारण करने के लिए किसी स्वर की सहायता लेनी पड़ती है।

व्याकरण की दृष्टि से स्वर के दो भेद होते हैं - मूल स्वर - वे स्वर है जो अखंड है। अर्थात इनके और छोटे-छोटे टुकड़े नहीं किए जा सकते।

संधि स्वर‌ - किसी न किसी अन्य स्वर्ग की संधि से बनते हैं। अ + अ = आ, अ + इ = ए, इ + इ = ई , अ + ए = ऐ आदि ।

•हलंत चिन्ह - यदि हम ‘क’ का उच्चारण करें तो ‘क्’ के साथ ‘अ’ की ध्वनि भी मुख से निकलती है। जैसे -

क = क् + अ , ख = ख् + अ इत्यादि।

•स्वर तथा व्यंजन के सार्थक मेल से शब्द बनते हैं।

•शब्द में आए वर्णों को क्रम से अलग अलग करने को हम वर्ण विन्यास कहते हैं।

•वर्ण संयोगः - वर्णों को जोड़ने की प्रक्रिया को हम वर्ण संयोग कहते हैं ।

•संयुक्त - अक्षराः - संस्कृत भाषा में कुछ संयुक्त अक्षर भी है । जब एक स्वर रहित व्यंजन दूसरे व्यंजन से जुड़कर एक अक्षर (व्यंजन) बन जाता है उसे संयुक्ताक्षर कहते हैं। जैसे - क् + ष् = क्ष् (क्षमा), द् + य् = द्द् (विद्या) इत्यादि।

उत्तराणि : -

क)

ख् + अ + न् + इ + त् + र् + अ + म्    = खनित्रम्

प् + उ + र् + आ + ण् + आ + न् + इ =पुराणानि

प् + ओ + ष् + अ + क् + आ + ण् + इ = पोषकाणि

क् + अ + ङ् + क् + अ + त् + अ + म् = कङ्कतम्

(ख)

पुस्तकम्    = प् + उ + स् + त् + अ + क् + अ + म्

भित्तिकम् = भ् + इ + त् + त् + इ + क् + अ + म्

नूतनानि    = न् + ऊ + त् + अ + न् + आ + न् + इ

वातायनम् = व् + आ + त् + आ + य् + अ + न् + अ + म्

उपनेत्रम्    = उ + प् + अ + न + ए + त् + र् + अ + म्

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