Hindi, asked by surajgaming890, 5 hours ago

होगी। बढ़ते शहरीकरण ने जहाँ पक्षियों से उनका घर छीना है,वही मोबाइल टावर के रेडियेशन में अनेक पक्षियों का जीवन संकट में है। अनेक पक्षियों की प्रजातियाँ लुप्त हो रही है। कैसे पक्षियों को बचाया जा सकता है, इस पर अपने सुझाव दे। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और देखें।​

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Answered by yashrajuniverse
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जंगल कम क्या हुए इंसान ही नहीं पक्षी भी सिमटने लगे। आधुनिकता की चकाचौंध में हम बंद कमरों में सिमट कर रह गए। लेकिन पेड़ पौधों के संरक्षण को भूल गए। हरियाली मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी जीने की राह सिखाती है। लेकिन बढ़ती आबादी और शहरीकरण के विस्तार से पेड़ों की संख्या लगातार कम हो रही है। इससे गौरेया व तोता जैसे पक्षियों के जीवन पर संकट मंडराने लगा है।

पर्यावरण प्रदूषण बना बड़ा कारण

सुबह कभी पक्षियों की चहचाहट से होती थी। लेकिन अब धीरे-धीरे गौरेया जैसी प्रजाती लुप्त होने की कगार पर है। इसका बड़ा कारण ये है कि अब न पेड़ बचे हैं और न ही उनका कीटों से होने वाला भोजन। दुषित होती वातावरण की आबोहवा, प्रदुषित भोजन व गायब होते कीटों से पक्षियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पक्षियों की कमी तो सबने महसूस की होगी, लेकिन उनको बचाने बहुत कम लोग ही आगे आए हैं।

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