हाइड्रोजन आबंध की परिभाषा दीजिए। यह वान्डरवाल्स बलों की अपेक्षा प्रबल होते है या दुर्बल?
Answers
अणु में एक प्रोटॉन और दूसरे में एक इलेक्ट्रोनगेटिव परमाणु के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के परिणामस्वरूप दो अणुओं के बीच एक आबंध होता है ,उसे हाइड्रोजन आबंध कहते हैं |
Explanation:
जब दो अणु आस-पास होते है , और दोनो अणु के पास हाइड्रोजन परमाणु होता है जोकि अणु के वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित होता है , तो एक अणु के वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित हाइड्रोजन , दूसरे अणु के वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित हाइड्रोजन के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है उसे ही हाइड्रोजन आबंध कहते है |
वैद्युतीयऋणात्मकता के अंतर होने की वजह से , हाइड्रोजन और वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु के बीच का आबंध युग्म , एक-दूसरे से दूर हो जाता है जिसका परिणाम हाइड्रोजन परमाणु विद्युत-धनात्मक हो जाता है और एक धनात्मक आवेश ग्रहण कर लेता है | हाइड्रोजन आबंध का मान ठोस अवस्था मे अधिकतम तथा गैस अवस्था मे न्यूनतम होता है |
हाइड्रोजन आबंध दो प्रकार के होते है :-
1) अन्तर-आणविक हाइड्रोजन आबंध , उदाहरण - HF ,
2) आंतर-आणविक हाइड्रोजन आबंध , उदाहरण - o-nitrophenol
- यह वान्डरवाल्स बलों की अपेक्षा प्रबल होते है |