Chemistry, asked by surabhisaraf4637, 11 months ago

हाइड्रोजन आबंध की परिभाषा दीजिए। यह वान्डरवाल्स बलों की अपेक्षा प्रबल होते है या दुर्बल?

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Answered by ankugraveiens
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अणु में एक प्रोटॉन और दूसरे में एक इलेक्ट्रोनगेटिव परमाणु के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के परिणामस्वरूप दो अणुओं के बीच एक आबंध होता है ,उसे हाइड्रोजन आबंध कहते हैं |

Explanation:

जब दो अणु आस-पास होते है , और दोनो अणु के पास हाइड्रोजन परमाणु होता है जोकि अणु के वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित होता है , तो एक अणु के  वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित हाइड्रोजन , दूसरे अणु के वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु से आबंधित हाइड्रोजन के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है उसे ही हाइड्रोजन आबंध कहते है |  

वैद्युतीयऋणात्मकता के अंतर होने की वजह से , हाइड्रोजन और वैद्युतीयऋणात्मकता परमाणु   के बीच का आबंध युग्म , एक-दूसरे से दूर हो जाता है जिसका परिणाम हाइड्रोजन परमाणु विद्युत-धनात्मक हो जाता है और एक धनात्मक आवेश ग्रहण कर लेता है | हाइड्रोजन आबंध का मान ठोस अवस्था मे अधिकतम तथा गैस अवस्था मे न्यूनतम होता है |

हाइड्रोजन आबंध दो प्रकार के होते है :-

1) अन्तर-आणविक हाइड्रोजन आबंध , उदाहरण - HF , H_2O

2) आंतर-आणविक हाइड्रोजन आबंध , उदाहरण - o-nitrophenol  

- यह वान्डरवाल्स बलों की अपेक्षा प्रबल होते है |

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