हाई कोर्ट का जज पैनइसाला तक अपने हूं देते रहते हैं
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बिलासपुर। हाईकोर्ट के जज भी अब 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे। शीतकालीन सत्र में 114वां संविधान संशोधन विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी है। देशभर के 24 हाईकोर्ट में फिलहाल 275 जज कम हैं, वहीं लंबित मामलों का पहाड़ खड़ा हुआ है। इसे देखते हुए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है।
जजों की कमी से जूझ रही न्यायपालिका के लिए राहतभरी खबर है। देशभर के न्यायालयों में पेंडेंसी की बढ़ती तादाद ने सुप्रीम कोर्ट के साथ ही केंद्र शासन को भी चिंता में डाल दिया है। यही कारण है कि केंद्र शासन हाईकोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वर्तमान में हाईकोर्ट के जज 62 साल की आयु पूरी होने के बाद रिटायर हो जाते हैं, लेकिन 114वां संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद हाईकोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की आयु सीमा भी बढ़कर 65 साल हो जाएगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की आयु में रिटायर होते हैं।
114 वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 227 में संशोधन का प्रस्ताव है। शीतकालीन सत्र में बिल लोकसभा में प्रस्तुत करने की तैयारी है, इसे मंजूरी मिलने के बाद इसका लाभ देश के 24 हाईकोर्ट में कार्यरत जजों को मिलेगा। प्रस्ताव मंजूर होने के अगले तीन साल तक हाईकोर्ट में जजों के रिटायरमेंट पर ब्रेक लगने का लाभ निश्चित रूप से लंबित मामलों को कम करने में मिलेगा। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में वर्तमान में 7 जजों की कमी है, वहीं कुछ जज इस साल रिटायर होने वाले भी हैं।
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