हे कोयल तुम चुपचाप बोल रही हो
Answers
Answered by
0
Answer:
vidroh ka bij
Explanation:
sabke sab ke man mein Gharana ke Bhagwat banne ka Tarika
Answered by
0
हे कोयल तुम चुपचाप बोल रही हो। इस पंक्ति का स्पष्टीकरण है कि लेखक जब जेल में थे तब उन्होंने यह कविता लिखी और कोयल की आजादी देखकर कवि कोयल से बोल रहे है कि तुम चुपचाप बोल रही हो। मधुर स्वर में गा रही हो। हम यहां पर कैद है।
- यह प्रश्न कैदी और कोकिला कविता से लिया गया है । इस कविता के कवि है माखन लाल चतुर्वेदी जी।
- कवि इस कविता में कोयल है मन की बात जानना चाहते गई हैं, वे जानना चाहते हैं कि कोयल असमय क्यों गा रही है ? कवि को ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोयल इस विपत्ति के समय कवि की यातनाओं में भागीदार होना चाहती है। कवि को उत्सुकता है । कवि को ऐसा भी लग रहा है जैसे कोयल उनमें नई चेतना जागृत कर रही हो।
- कवि को ऐसा भी लग रहा है कि हम यहां जेल ने कैद है और कोकिला आजाद घूम रही है , गा रही है।
#SPJ3
Similar questions
Social Sciences,
3 months ago
Biology,
3 months ago
English,
7 months ago
Hindi,
7 months ago
Chemistry,
1 year ago