हे खटकता एक sabki dash जो किसी में हो बड़प्पन की कसूर
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Answer:विश्व की अधिकांश कविताएँ देश, काल और परिस्थितियों पर आधारित लिखी गईं हैं। जो कविता स्थान विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप, वहाँ की संस्कृति, सभ्यता और व्यावहारिक रीति-नीति के पोषण के लिये लिखी जाती है उसे राष्ट्रवादी कविता कहते हैं। ऐसी कविताएं उस देश विशेष के लिये तो बहुत महत्वपूर्ण होती हैं किन्तु अन्य देशों के लिये उनका कोई महत्व नहीं होता। कुछ कविताएं समय की आवश्यकता के अनुसार लिखी जाती हैं, जो उस समय तो बहुत महत्वपूर्ण होती हैं किन्तु कालान्तर में उनका कोई महत्व नहीं रह जाता़।ऐसी कविता को सम सामयिक कविता कहते हैं। कुछ कविताओं की रचना परिस्थितिजन्य होती है, जो तत्कालीन परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार होती हैं जो उस परिस्थिति में तो आवश्यक प्रतीत होती हैं किन्तु परिस्थिति बदलने के बाद महत्वहीन हो जाती हैं। ऐसी कविता को पारिस्थितिक कविता कहते हैं। कुछ कविताएँ ऐसी भी होती हैं जो देश, काल, और परिस्थितियों की परिधि से बाहर होती हैं। वे न तो देश की सीमा में बँधी होती हैं और न समय के बन्धन में और न ही किसी परिस्थिति के अधीन होती हैं अपितु वे सभी देशों में, हर समय में और हर परिस्थिति में समान रूप से महत्वपूर्ण होती हैं उन्हें कालजयी कविता कहते हैं।
कविता कोश के पन्नों में से ऐंसी कालजयी कविताओं के रचयिताओं में से जगत प्रसिद्ध एक नाम है अयोध्या सिंह "हरिऔध "। हरिऔध जी की कविताएं देश, काल, और परिस्थितियों की सीमाओं में संकुचित न होकर संपूर्ण विश्व की धरोहर के रूप में आज विद्यमान हैं। उनकी एक बहुत प्रसिद्ध कविता है "फूल और काँटा"। ऐंसा कोई देश नहीं है जहाँ फूल और काँटा न हो, और न ही ऐंसा कोई समय रहा है और न रहने की सम्भावना ही है कि जब फूल और काँटे का अस्तित्व न हो। हर परिस्थिति में फूल और काँटों का अपना अपना महत्व होता है, इसीलिये यह कविता हर देश में, हर समय में, और हर परिस्थिति में अपना महत्व कम नहीं होने देती। फूल और काँटा कविता के द्वारा कवि संसार के एक बड़े रहस्य की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता है।आखिर क्या बात है कि एक ही परिवार में जन्म लेने वाले और एक जैसी ही परवरिश में पले बढे दो भाई परस्पर विपरीत स्वभाव के कैसे हो जाते हैं? कवि इस कविता के माध्यम से पुनर्जन्म के सिद्धान्त को भी परिपुष्ट करना चाहता है। व्यक्ति के स्वभाव में में पूर्व जन्मों के संस्कारों का बहुत बड़ा योगदान होता है, अन्यथा ऐसा कैसे हो सकता है?