Political Science, asked by swami8370, 1 year ago

हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और इससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाए रखना चाहते हैं I संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं I

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Answered by TbiaSupreme
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"यह सच है कि अपने जीवन काल के लगभग 65 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व के अनेक भागों में छिड़े अनेक राष्ट्रों के मध्य संघर्षों, झगड़ों और युद्धों को पूरी तरह नहीं रोक सका| यह भी सही है कि प्रत्येक युद्ध का दुष्परिणाम प्रभावित लोगों को जान- माल और सम्मान की हानि के रूप में झेलना पड़ता है| इसे भी संयुक्त राष्ट्र संघ नहीं रोक सका| परंतु इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी पूर्ववर्ती संस्था राष्ट्र संघ( लीग ऑफ नेशंस) की तरह दूसरे विश्व युद्ध के बाद असफल नहीं हुआ| और तीसरे विश्वयुद्ध को साकार रूप नहीं होने दिया|

अनेक असफलताओं के बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाए रखना बहुत आवश्यक है, क्योंकि

1. संयुक्त राष्ट्र संघ में कुछ कमियां है, परंतु इसके बिना विश्व और खस्ताहाल मैं होगा| आज विभिन्न समाजों तथा मुद्दों के बीच आपसी तार जोड़ते जा रहे हैं|

2. संयुक्त राष्ट्र संघ के बिना दुनिया के सात अरब से भी अधिक लोगों के रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती|

3. संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका और बाकी दुनिया के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कायम कर सकता है| संयुक्त राष्ट्र संघ ऐसा मंच है जहां अमेरिकी रवैया और नीतियों पर कुछ नियंत्रण लगाया जा सकता है|

4. आज संयुक्त राष्ट्र संघ में 192 देश इसके सदस्य बन चुके हैं| यह दुनिया का सबसे बड़ा, प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय मंच है| यहां पर अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, सामाजिक- आर्थिक समस्याओं पर खुले मस्तिष्क से वाद- विवाद और विचार- विमर्श होता है| नि:संदेह इससे अंतरराष्ट्रीय वातावरण को सौहार्द पूर्ण बनाए रखने में प्रशंसनीय मदद मिली है|

5. यह सही है कि कुछ राष्ट्रों के पास अणु और परमाणु बम है लेकिन यह भी सही है कि बड़ी शक्तियों के प्रभाव के कारण पर्याप्त सीमा तक सर्वाधिक भयंकर हथियारों के निर्माण और रसायनिक व जैविक हथियारों के प्रयोग और निर्माण को रोकने में इस संस्था को सफलता मिली है|

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Answered by pd6305917
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Answer:

  • हालाँकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और उससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है परन्तु फिर भी प्रत्येक देश इसे एक महत्त्वपूर्ण एवं अपरिहार्य संगठन मानता है। संयुक्त राष्ट्र संघ अपने पूर्ववर्ती संगठन राष्ट्र-संघ की तरह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद असफल नहीं रहा। अत: संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाए रखना आवश्यक है। इसके अन्य प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

(1) संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका और विश्व के अन्य देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करवा सकता है। इसी के माध्यम से छोटे एवं निर्बल देशं अमेरिका से किसी भी मसले पर बात कर सकते हैं।

(2) सन् 2011 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 देश सदस्य बन चुके हैं। यह विश्व का सबसे प्रभावशाली मंच है। यहाँ पर अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति, सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक समस्याओं पर खुले मस्तिष्क से वाद-विवाद और विचार-विमर्श होता है।

(3) संयुक्त राष्ट्र संघ के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है कि वह किसी देश को बाध्य करे, परन्तु वह ऐसे देशों की शक्तियों पर अंकुश अवश्य लगा सकता है चाहे वह अमेरिका जैसा देश ही क्यों न हो। संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सदस्यों (देशों) के माध्यम से अमेरिका तक की नीतियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है।

(4) आज कुछ राष्ट्रों के पास अणु व परमाणु बम हैं, किन्तु बड़ी शक्तियों के प्रभाव के कारण काफी सीमा तक सर्वाधिक भयंकर हथियारों के निर्माण और रयायन व जैविक हथियारों का प्रयोग और निर्माण को रोकने में संयुक्त राष्ट्र संघ को सफलता मिली है।

(5) संयुक्त राष्ट्र संघ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, पिछड़े और गरीब राष्ट्रों को ऋण भुगतान और आपातकाल में अनेक प्रकार की सहायता दिलाने में सक्षम रहा है। इसलिए इसका बना रहना आवश्यक है।

(6) आज प्रत्येक देश पारस्परिक निर्भरता को समझने लगा है और पारस्परिक निर्भरता बढ़ रही है। इसके पीछे भी संयुक्त राष्ट्र संघ है। यह एक ऐसा मंच है जिस पर विश्व के अधिकांश देश उपलब्ध रहते हैं। कोई भी देश पूर्ण नहीं होता उसे सदैव दूसरे देश के सहयोग की आवश्यकता होती है फिर चाहे वह अमेरिका हो या इंग्लैण्ड। उपर्युक्त कारणों से स्पष्ट होता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रयोग और अधिक मानव-मूल्यों, विश्वबन्धुत्व एवं पारस्परिक सहयोग की भावना से किया जाना चाहिए। इसका अस्तित्व आज अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सहयोग के लिए परम आवश्यक है!

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