हाल में Divyansh huai malli मस्तान बाबू का संबंध निम्न में से किस क्षेत्र से था l
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भारत के शीर्ष पर्वतारोही मल्ली मस्तान बाबू एंडीज पर्वत शृंखला में मृत पाए गए हैं। मस्तान बाबू एंडीज पर्वत शृंखला में पर्वतारोहण के दौरान 24 मार्च से लापता थे।
मस्तान बाबू के समर्थकों और शुभचिंतकों द्वारा शुरू किए गए फेसबुक पेज 'रेस्क्यू मल्ली मस्तान बाबू' पर शनिवार को केवल एक पोस्ट आया, जिसमें लिखा था, "पर्वतों ने अपने पसंदीदा बच्चे को अपने पास रख लिया। आपकी आत्मा को शांति मिले मल्ली मस्तान बाबू।"
मल्ली मस्तान बाबू भारत के एक शीर्ष पर्वतारोही थे। वह दुनिया में 'सबसे तेजी से सात चोटियों को फतह करने वाले' पर्वतारोही थे। वर्ष 2006 में 172 दिनों के पर्वतारोहण के दौरान उन्होंने प्रत्येक माह के सप्ताह के सातों दिन पर्वतारोहण कर सात चोटियां फतह की थीं। वह अंटाकार्टिका की सर्वाधिक ऊंची चोटी माउंट विंसन मैसिफ को फतह करने वाले पहले भारतीय और एवरेस्ट फतह करने वाले आंध्र प्रदेश के पहले व्यक्ति थे।
बाबू भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर और आईआईएम-कोलकाता के पूर्व छात्र थे। बाबू इस यात्रा के लिए 16 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर स्थित अपने घर से रवाना हुए थे। बाबू के पर्वतारोहण शुरू करने के तुरंत बाद मौसम खराब हो गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "आपकी आत्मा को शांति मिले मल्ली मस्तान बाबू। उनके मित्रों और परिवार के साथ मिलकर हम इस मुश्किल घड़ी में अगले कदम पर अर्जेंटीना और चिली के अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं।"
मस्तान बाबू के समर्थकों और शुभचिंतकों द्वारा शुरू किए गए फेसबुक पेज 'रेस्क्यू मल्ली मस्तान बाबू' पर शनिवार को केवल एक पोस्ट आया, जिसमें लिखा था, "पर्वतों ने अपने पसंदीदा बच्चे को अपने पास रख लिया। आपकी आत्मा को शांति मिले मल्ली मस्तान बाबू।"
मल्ली मस्तान बाबू भारत के एक शीर्ष पर्वतारोही थे। वह दुनिया में 'सबसे तेजी से सात चोटियों को फतह करने वाले' पर्वतारोही थे। वर्ष 2006 में 172 दिनों के पर्वतारोहण के दौरान उन्होंने प्रत्येक माह के सप्ताह के सातों दिन पर्वतारोहण कर सात चोटियां फतह की थीं। वह अंटाकार्टिका की सर्वाधिक ऊंची चोटी माउंट विंसन मैसिफ को फतह करने वाले पहले भारतीय और एवरेस्ट फतह करने वाले आंध्र प्रदेश के पहले व्यक्ति थे।
बाबू भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर और आईआईएम-कोलकाता के पूर्व छात्र थे। बाबू इस यात्रा के लिए 16 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर स्थित अपने घर से रवाना हुए थे। बाबू के पर्वतारोहण शुरू करने के तुरंत बाद मौसम खराब हो गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "आपकी आत्मा को शांति मिले मल्ली मस्तान बाबू। उनके मित्रों और परिवार के साथ मिलकर हम इस मुश्किल घड़ी में अगले कदम पर अर्जेंटीना और चिली के अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं।"
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