'होली' पाठ के आधार पर बतलाइए कि किस घटना के बाद होली जलाना आरंभ हुआ?
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¿ 'होली' पाठ के आधार पर बतलाइए कि किस घटना के बाद होली जलाना आरंभ हुआ ?
✎... ‘होली’ की कथा के अनुसार होली का दहन से जुड़ा हुआ है। एक कथा के अनुसार प्राचीन काल में दैत्यराज हिरणकश्यप का एक पुत्र प्रह्लाद था, जो भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरणकश्यप को यह वरदान प्राप्त था, कि वह ना तो पृथ्वी पर मारेगा, न आकाश में मरेगा, ना दिन में मरेगा, ना रात में मरेगा, ना घर में मरेगा ना बाहर मरेगा, ना अस्त्र से मरेगा, ना शस्त्र से मरेगा, ना मानव से मरेगा, ना पशु से मरेगा। हिरणकश्यप को प्रहलाद कि विष्णु भक्ति पसंद नहीं थी और वह प्रह्लाद पर इस कारण अत्याचार करता था। इन्हीं अत्याचारों की प्रक्रिया में उसने कई बार प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया, लेकिन पहलाद हमेशा भगवान विष्णु की कृपा से बच जाता था।
हिरण्यकश्यप की होलिका नाम की बहन थी। उसे भी होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में जल सकती थी। इसलिए हिरण कश्यप ने होलिका को प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का आदेश दिया ताकि होलिका को वरदान के कारण कुछ नही होगा और प्रह्लाद जल जायेगा। लेकिन इसका उल्टा हुआ प्रह्लाद सुरक्षित बचाया और होलिका जल गई। तभी से मान्यता चल पड़ी और इस घटना की स्मृति मे लोग होली जलाने लगे।
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