Art, asked by js6362733, 4 months ago

होली सणाचे स्वरूपबदलते या विषयी
तुमचे लिहा​

Answers

Answered by divyasakhare26
0

Answer:

होली भारत के प्रचीनतम त्योहारों में से एक है। बुराइयों को जलाकर अच्छाई को बचाना, प्रेम, सौहार्द की भावना उत्पन्न करने वाली होली आज फूहड़ता, शराब पीने, गाली-गलौच, झगड़ों के बीच में कहीं रह गई है। होली के रंग नैसर्गिक न होकर रासायनिक हैं, पकवानों में आत्मीयता व प्रेम के मिश्रण की जगह मिलावट ने ली है। सामाजिक त्योहार माना जाने वाला यह त्योहार असामाजिक तत्वों की चपेट में है। होली में होलिका दहन न होकर मर्यादा, संस्कार, नैतिकता का दहन हो रहा है। आज होलियां बाजारवाद की चपेट में आ चुकी हैं। प्रत्येक त्योहार की भांति इस पर भी पूंजीपतियों की नजर गड़ी है। ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आती हैं जब लोग आपसी रंजिश इस त्योहार में निकालते हैं। नवयुवक होली के पर्व को मस्ती व शराब का पर्व मानने लगे हैं। परम्परागत तरीके बदल रहे हैं। फिल्मी गानों के बोल ही अब होली के बोल रह गए हैं। शहरों से गांवों की ओर इस पर्व में लोगों का आना अचानक बंद सा हो गया है, जो साफ दर्शाता है कि इस पर्व के मायने बदल चुके हैं। लोगों का सामाजिकता व एकजुटता का अहसास दिलाने वाला यह पर्व उदासी, अनैतिकता, असामाजिकता में बदल चुका है। वातावरण में अजीब-सी गंध है। यह सदी, यह दशक क्रांति का है, नए विचारों का है। उम्मीद करनी चाहिए हमें कि हम होली में अपने सामाजिक दायित्वों को समझों और होली के मूल संदेश का प्रचार-प्रसार करें।

Similar questions