हालात से भागने के बजाय उसका सामना करना ही बेहतर होता है इस पर अपना मत स्पष्ट करें
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मानव जीवन में अनेक बार ऐसी परिस्थितियां आती है जब मनुष्य समझ नहीं पाता की उसे किस तरह उस परिस्थिति का सामना करना है । परिस्थितिवश उत्पन्न स्थिति स्वयं में इतनी उलझी होती है की अगर सूझ बूझ और दूर दृष्टि का सहारा न लिया जाये तो निर्णय गलत होने की पूरी सम्भावना रहती है ।
अनेको बार छोटी छोटी बातें हमें गहरे तक प्रभावित करती हैं । ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर बेहतर तो यह है की हम शांति और धैर्य से उस परिस्थिति का विश्लेषण करें तथा उस स्थिति के पक्ष विपक्ष दोनों के बारे में सोंचे क्योंकि प्रत्येक स्थिति के दो पहलू होते है , एक अगर सकारात्मक है तो दूसरा नकारात्मक अवश्य होगा ।
हमें परिस्थिति के गुण दोष के आधार पर निर्णय लेना चाहिए न की घबराकर कोई कदम उठाना चाहिए जिससे की हमारे पक्ष में होने वाली बात का भी विपरीत असर हो जाये ।
सबसे बड़ी बात हमें किसी भी विपरीत स्थिति में धैर्य , सहनशीलता और शांति से निर्णय लेने की आदत डालनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो हम अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे ।
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हालात से भागने के बजाय उसका सामना करना ही बेहतर होता है इस पर अपना मत स्पष्ट करें
हालत से भागने की बजाय , हमें उसका सामना करना ही एक समझदारी मनानी जाती है | जो मनुष्य अपने हालातों से भाग जाता है , अपने मुश्किल समय से डरकर बैठ जाता है , वह अपने जीवन में कभी कुछ भी हासिल नहीं कर पाता है |
व्याख्या :
हमारे जीवन में कोई भी हालत क्यों न हो , हमें कभी भी नहीं डरना चाहिए | हमें हालातों से हिम्मत लेकर आगे बढ़ना चाहिए | बहुत हालात ही हमें आगे बढ़ने की हिम्मत देते है और सही रास्ता दिखाते है | हमें अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनकर सफलता और असफलता का सामना करना चाहिए | हमें कभी भी हार मानकर अपनी हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए | जीवन एक संघर्ष है , हमें इसका सामना भाग कर नहीं , निडर बनकर करना चाहिए |