हालावाद को परिभाषित करते हुए बच्चन के काव्य की विशेषताएं लिखिए
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छायावादी काव्य का एक पक्ष स्वच्छंदतावाद प्रखर होकर व्यक्तिवादी-काव्य में विकसित हुआ। इस काव्य में समग्रत: एवं संपूर्णत: वैयक्तिक चेतनाओं को ही काव्यमय स्वरों और भाषा में संजोया-संवारा गया है। पहले पक्ष के दर्शन हरिवंश राय बच्चन की कविता में होते हैं, जबकि दूसरे पक्ष के भगवतीचरण वर्मा की कविता में। ...
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छायावादी काव्य का एक पक्ष स्वच्छंदतावाद प्रखर होकर व्यक्तिवादी-काव्य में विकसित हुआ। इस काव्य में समग्रत: एवं संपूर्णत: वैयक्तिक चेतनाओं को ही काव्यमय स्वरों और भाषा में संजोया-संवारा गया है। पहले पक्ष के दर्शन हरिवंश राय बच्चन की कविता में होते हैं, जबकि दूसरे पक्ष के भगवतीचरण वर्मा की कविता में। ...
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