हालदार एक भावुक और देशप्रमी इंसान थे उदाहरण देकर सिद्ध किजिए
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हालदार साहब जब भी अपने नौकरी के काम के लिए उस बस्ती से गुजरते जिसमे नेताजी की मूर्ति थी, तो वह जितने भी व्यस्त क्यों नहीं हो, उस चौराहे पर जरूर रुकते एवं नेताजी जैसे लोग जो देश के लिए अपना सर्वाच्च अर्पण किए उनके प्रति आदर एवं सम्मान का भाव रखते थे। इससे उनकी देशप्रेमी होने का भाव पता चलता है।
कप्तान चसमेवाले के मृत्यु के बाद नेताजी के मूर्ति पर से चश्मा गायब हो गया था, मगर उस बस्ती के बच्चे उनके मूर्ति पर चश्मा पहनाने के परियोजना ने उन्हें मोहित कर दिया। देश के भविष्य, बच्चों द्वारा स्वंत्रता संग्रामी के प्रति सम्मान को देखकर वह भावुक हो गए।
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हालदार साहब एक भावुक देश प्रेमी इंसान है यह पाठकों को इस पाठ में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है हालदार साहब को जब भी कंपनी के काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरना पड़ता था तो वह हर बार गाड़ी रुकवा कर चौराहे पर स्थित नेता जी की मूर्ति को एक बार जरूर देख लिया करते थे पान वाले से कैप्टन के प्रति व्यंग सुनकर उन्हें बुरा लगा और कैप्टन को देखने की उत्सुकता तथा उसकी मृत्यु पर उन्हें बहुत दुख हुआ और सरकंडे के चश्मे को देखकर उनका भावुक होना उनकी देशभक्ति को दर्शाता है