"हालदार साहब आते जाते हुए नेता जी की मूर्ति पर चश्मा देख प्रसन्न और उसे ना देख दुखी होते थे पर उन्होंने स्वयं कोई कदम नहीं उठाया।" - इस कथन से आपके मन में हालदार साहब के प्रति कैसे विचार उभरते हैं? आप उनकी जगह होते तो क्या करते?
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can't understand your question dear.
thank you
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