हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए - वाक्य में निपात है -
अब
नहीं
समझ
भी
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Answer:हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए। यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था। निपात' से तात्पर्य हिंदी व्याकरण में प्रयुक्त उन शब्दों को कहतें हैं, जो वाक्य में अतिरिक्त बल लाने के लिये प्रयुक्त किये जाते हैं।
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यानी चश्मा तो था लेकिन सब मक्का नहीं था
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