हालदार साहब की दृष्टि मे कस्बे का अध्यापक बेचार क्यो थे please answer this question
Answers
हालदार साहब की दृष्टि मे कस्बे का अध्यापक बेचारा क्यो थे
उत्तर : यह प्रश्न नेता जी का चश्मा कहानी से लिया गया है| नेता जी का चश्मा कहानी प्रकाश जी द्वारा लिखी गई है | यह एक प्रसिद्ध कहानी है| लेखन ने इस कहानी में देश की भक्ति की भावना सभी नागरिकों में होनी चाहिए का वर्णन किया है |
हालदार साहब की दृष्टि मे कस्बे का अध्यापक बेचारा इसलिए था क्योंकि मास्टर मूर्तिकार मोती लाल कस्बे में अकेला मूर्तिकार था| अध्यापक ने भी महीने भर में मूर्ति बना डालने का आश्वासन दे दिया। मूर्ति तो उसने बना दी लेकिन उसे नेता जी का चश्मा बनाने में मुश्किल आ रही थी | उसे समझ नहीं आ रही थी कि चश्मा कैसे बनाया जाए | बनाते-बनाते बारीकी के चक्कर में चश्मा टूट गया| मूर्तिकार के ऊपर इतना दबाव देखकर हालदार साहब ने उसे बेचारा कहा|
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
https://brainly.in/question/3588165
हालदार साहब के लिए कौन सा कौतुहल दुर्दमनीय हो उठा जिसे पान वाले से पूछे वह नहीं रह सके?
Answer:
हालदार साहब की दृष्टि से कस्बे का अध्यापक बेचारा इसलिए था क्योंकि वह उस कस्बे का एकमात्र मूर्तिकार था जो कि 1 महीने में मूर्ति बनाकर देने का वादा कर चुका था तो ऐसा हो सकता है कि जल्दी-जल्दी मैं वह नेताजी का चश्मा बनाना भूल गया हो या चश्मा और बारीकी की चक्कर में टूट गया हो मूर्तिकार के ऊपर इतना दबाव देखकर हालदार साहब ने उसे बेचारा कहा होगा