History, asked by thakurridhima20, 5 hours ago

हिमाचली संस्कृति का स्वर्ण कर्म योग किसे माना जा सकता है ​

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Answered by ItxAttitude
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वास्तव में कर्मयोग ही वह योग है जिसके माध्यम से हम अपनी जीवात्मा से जुड़ पाते हैं। कर्मयोग हमारे आत्मज्ञान को जागृत करता है। इसके बाद हम न केवल अपने वर्तमान जीवन के उद्देश्यों को बल्कि जीवन के बाद की अपनी गति का पूर्वाभास प्राप्त कर सकते हैं।[1]

इस योग में कर्म के द्वारा ईश्वर की प्राप्ति की जाती है। श्रीमद्भगवद्गीता में कर्मयोग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गृहस्थ और कर्मठ व्यक्ति के लिए यह योग अधिक उपयुक्त है। हममें से प्रत्येक किसी न किसी कार्य में लगा हुआ है, पर हममें से अधिकांश अपनी शक्तियों का अधिकतर भाग व्यर्थ खो देते हैं; क्योंकि हम कर्म के रहस्य को नहीं जानते। जीवन के लिए, समाज के लिए, देश के लिए, विश्व के लिए कर्म करना आवश्यक है।

Answered by Itzintellectual
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Step 2. How The Chess Pieces Move

Each of the 6 different kinds of pieces moves differently. Pieces cannot move through other pieces (though the knight can jump over other pieces), and can never move onto a square with one of their own pieces. However, they can be moved to take the place of an opponent's piece which is then captured. Pieces are generally moved into positions where they can capture other pieces (by landing on their square and then replacing them), defend their own pieces in case of capture, or control important squares in the game.

How to Move the King in Chess

The king is the most important piece, but is one of the weakest. The king can only move one square in any direction - up, down, to the sides, and diagonally.

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