हीमोडायलिसिस (रक्त अपोहन) के दौरान कृत्रिम वृकक के उपयोग के परिणाम स्वरूप :
(a) नाइट्रोजनी अपशिष्ट शरीर में इकट्ठे हो जाते हैं।
(b) अतिरिक्त पोटैशियम आयनों का निष्कासन नहीं हो पाता
(c) जठर-आंतीय पथ से कैल्सियम आयनों के अवशोषण में कमी आती है।
(d) उत्पादन में कमी आती है।
निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सर्वाधिक उचित है ?
(1) (a) एवं (b) उचित हैं
(2) (b) एवं (c) उचित हैं
(3) (c) एवं (d) उचित हैं
(4) (a) एवं (d) उचित हैं
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,,2 option is correct.........
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hope it's help uhhhh..........
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(3) कथन (c) एवं (d) उचित हैं।
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डायलिसिस, वृक्क की सामान्य क्रिया को चलाने के लिए एक उचित विकल्प है।
(a) यह शरीर के अपशिष्ट पदार्थ, नमक और अतिरिक्त जल जमाव को शरीर से हटाने का कार्य करता है।
(b) यह शरीर के रक्त में कुछ रसायनों का एक सुरक्षित स्तर रखता है, जैसे - पोटैशियम, सोडियम और बाइकार्बोनेट , जो रक्त दाब को नियंत्रित करने में मदद करता है।
(c) इनमें जठरांत्र पथ द्वारा कैल्शियम आयन का अवशोषण काम होता है।
(d) इरिथ्रोपोएटिन हार्मोन के कारण, लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन काम होता है।
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