Hindi, asked by SIRmayank, 7 months ago

हिमालय का पर्यावरण समाधान और चुनौतियां पर 200 शब्दों का निबंध​

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Answered by Anonymous
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सभी कहते हैं कि हिमालय नहीं रहेगा तो, देश नहीं रहेगा, इस प्रकार हिमालय बचाओ! देश बचाओ! केवल नारा नहीं है, यह भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी एक रास्ता है। इसी तरह चिपको आन्दोलन में पहाड़ की महिलाओं ने कहा कि ‘मिट्टी, पानी और बयार! जिन्दा रहने के आधार!’ और आगे चलकर रक्षासूत्र आन्दोलन का नारा है कि ‘ऊँचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे!’, ये तमाम निर्देशन पहाड़ के लोगों ने देशवासियों को दिये हैं।

सभी कहते हैं कि हिमालय नहीं रहेगा तो, देश नहीं रहेगा, इस प्रकार हिमालय बचाओ! देश बचाओ! केवल नारा नहीं है, यह भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी एक रास्ता है। इसी तरह चिपको आन्दोलन में पहाड़ की महिलाओं ने कहा कि ‘मिट्टी, पानी और बयार! जिन्दा रहने के आधार!’ और आगे चलकर रक्षासूत्र आन्दोलन का नारा है कि ‘ऊँचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे!’, ये तमाम निर्देशन पहाड़ के लोगों ने देशवासियों को दिये हैं।‘‘धार ऐंचपाणी, ढाल पर डाला, बिजली बणावा खाला-खाला!’’ इसका अर्थ यह है कि चोटी पर पानी पहुँचना चाहिए, ढालदार पहाड़ियों पर चौड़ी पत्ती के वृक्ष लगे और इन पहाड़ियों के बीच से आ रहे नदी, नालों के पानी से घराट और नहरें बनाकर बिजली एवं सिंचाई की व्यवस्था की जाए। इसको ध्यान में रखते हुए हिमालयी क्षेत्रों में रह रहे लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक विकास नीति को चुनौती देने वाले कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों ने कई बार हिमालय नीति के लिये केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया है।

सभी कहते हैं कि हिमालय नहीं रहेगा तो, देश नहीं रहेगा, इस प्रकार हिमालय बचाओ! देश बचाओ! केवल नारा नहीं है, यह भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी एक रास्ता है। इसी तरह चिपको आन्दोलन में पहाड़ की महिलाओं ने कहा कि ‘मिट्टी, पानी और बयार! जिन्दा रहने के आधार!’ और आगे चलकर रक्षासूत्र आन्दोलन का नारा है कि ‘ऊँचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे!’, ये तमाम निर्देशन पहाड़ के लोगों ने देशवासियों को दिये हैं।‘‘धार ऐंचपाणी, ढाल पर डाला, बिजली बणावा खाला-खाला!’’ इसका अर्थ यह है कि चोटी पर पानी पहुँचना चाहिए, ढालदार पहाड़ियों पर चौड़ी पत्ती के वृक्ष लगे और इन पहाड़ियों के बीच से आ रहे नदी, नालों के पानी से घराट और नहरें बनाकर बिजली एवं सिंचाई की व्यवस्था की जाए। इसको ध्यान में रखते हुए हिमालयी क्षेत्रों में रह रहे लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक विकास नीति को चुनौती देने वाले कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों ने कई बार हिमालय नीति के लिये केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया है।इस दौरान इसके कई रूप दिखाई भी दे रहे हैं। नदी बचाओ अभियान ने हिमालय नीति के लिये वर्ष 2008 से लगातार पैरवी की है। हिमालय देश और दुनिया के लिये प्रेरणा का स्रोत बना रहे, इसे ध्यान में रखकर के हिमालयवासियों द्वारा ‘हिमालय लोक नीति’ प्रस्तुत की गई है। इसके लिये हिमालयी राज्यों के लोग स्थान-स्थान पर एकत्रित होकर हिमालय लोक नीति के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करके केन्द्र सरकार को सौंप रहे हैं।

hope it will help you mark as brainlist answer plz

thanks my answers

Answered by raghwendrapandey996
2

Answer:

हिमालय हमारा भारत का शान है,र

Explanation:

हिमालय से गंगा नदी नक़ल ती है !

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