History, asked by arsalanrajput076107, 5 months ago

हिमालय नदियां तथा piramdipiya

नदियां में अंतर स्पष्ट कीजिए​

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Answered by anshup2308
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Answer:

भारत की नदियां चार समूहों में वर्गीकृत की जा सकती हैं -(1), हिमालय की नदियां, (2) प्रायद्वीपीय नदियां, (3) तटवर्ती नदियां और (4) अंतःस्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां।

हिमालय की नदियां बारहमासी है, जिन्हें पानी आमतौर पर बर्फ पिघलने से मिलता है। इनमें वर्षभर निर्बाध प्रवाह बना रहता है। मानसून के महीने में हिमालय पर भारी वर्षा होती है, जिससे नदियों में पानी बढ़ जाने के कारण अक्सर बाढ़ आ जाती है। दूसरी तरफ प्रायद्वीप की नदियों में सामान्यतः वर्षा का पानी रहता है, इसलिए पानी की मात्रा घटती-बढ़ती रहती है। अधिकांश नदियां बारहमासी नहीं हैं। तटीय नदियां, विशेषकर पश्चिमी तट की, कम लंबी हैं और इनका जलग्रहण क्षेत्र सीमित है। इनमें से अधिकतर में एकाएक पानी भर जाता है। पश्चिमी राजस्थान में नदियां बहुत कम हैं। इनमें से अधिकतर थोड़े दिन ही बहती हैं।

सिंधु और गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदियों से हिमालय की मुख्य नदी प्रणालियां बनती हैं। सिंधु नदी विश्व की बड़ी नदियों में से एक है। तिब्बत में मानसरोवर के निकट इसका उद्गम स्थल है। यह भारत से होती हुई पाकिस्तान जाती है और अंत में कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है। भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सतलुज (जिसका उद्गगम तिब्बत में होता है), व्यास, रावी, चेनाब और झेलम हैं। गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना अन्य महत्वपूर्ण नदी प्रणाली है और भागीरथी और अलकनंदा जिसकी उप-नदी घाटियां हैं, इनके देवप्रयाग में आपस में मिल जाने से गंगा उत्पन्न होती है। यह उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों से होती हुई बहती है। राजमहल पहाडियों के नीचे भागीरथी बहती है, जो कि पहले कभी मुख्यधारा में थी, जबकि पद्मा पूर्व की ओर बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है।

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