हिमालय पर हिंदी में निबंध
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वृहद या महान हिमालय का निर्माण आज से लगभग 25 से 40 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ था और इसकी औसत ऊंचाई 6100 मीटर है। हिमालय की इसी पर्वत श्रेणी पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। इसी माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं शिवालिक हिमालय पर्वत श्रेणी का निर्माण 2 से 5 मिलियन वर्ष पूर्व ही हुआ है।इसी प्रकार नदियों के आधार पर भी हिमालय पर्वत श्रृंखला को चार भागों में विभाजित किया गया है। सिंधु नदी और सतलज नदी के मध्य का हिमालय क्षेत्र पंजाब हिमालय, सतलज नदी और काली नदी के मध्य का हिमालय क्षेत्र कुमाऊं हिमालय, काली नदी और तीस्ता नदी के मध्य का हिमालय क्षेत्र नेपाल हिमालय, तीस्ता नदी और ब्रह्मपुत्र नदी के मध्य का हिमालय क्षेत्र असम हिमालय कहलाता है।
हिमालय से गंगा, यमुना जैसी सतत वाहिनी अर्थात सदा बहते रहने वाली नदियां बहती हैं क्योंकि इनका स्रोत हिमालय के ग्लेशियर होते हैं, जिनके पिघलने से इन्हें सदैव जल मिलता रहता है। इन नदियों के कारण ही भारत का उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र सदा उपजाऊ रहता है। हिमालय पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र होते हैं, जिसके कारण लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष यहां घूमने आते हैं। पर्यटकों के आने से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोग रोजगार पाते हैं।
हिमालय प्रकृति के द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है, जिसका हमें सम्मान करना चाहिए क्योंकि हिमालय से न केवल कृषि योग्य भूमि, रोजगार आदि मिलते हैं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य भी बढ़ता है एवं अनेक जंगली जानवरों को घर मिलता है।
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वृहद या महान हिमालय का निर्माण आज से लगभग 25 से 40 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ था और इसकी औसत ऊंचाई 6100 मीटर है। हिमालय की इसी पर्वत श्रेणी पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। इसी माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है।