Social Sciences, asked by vinibidlan143, 6 months ago

हिमालय पर्वत और प्रायद्वीपिय पठार में अंतर स्पष्ट कीजिए|​

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Answered by aaliyakhan53
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Answer:

उत्तर की रूपरेखा :

हिमालय और प्रायद्वीपीय नदी तंत्रों के बीच मुख्य विभेदों को स्पष्ट करें।

डेल्टा और एश्चुअरी के निर्माण की शर्तों का उल्लेख करें।

भारतीय अपवाह प्रणाली को उत्पत्ति स्रोतों के आधार पर सामान्यतया दो वर्गों में बाँटा जाता है- हिमालय और प्रायद्वीपीय नदी तंत्र। इन दोनों नदी तंत्रों के बीच निम्नलिखित अंतर हैं-

हिमालयी अपवाह तंत्र की उत्पत्ति हिमालय पर्वत श्रेणियों से होती है जबकि प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र की नदियाँ प्रायद्वीपीय पठारों से निकलती हैं।

हिमालयी नदियाँ पूर्ववर्ती अपवाह प्रणाली का अनुसरण करती हैं, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ अनुवर्ती अपवाह तंत्र का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

हिमालय की नदियाँ बारहमासी होती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती हैं और प्रायः मानसून में प्रवाहित होती हैं।

हिमालयी नदियाँ अपने विकास क्रम में नवीन हैं और नवीन वलित पर्वतों के मध्य प्रवाहित होती हैं, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ प्रौढ़ावस्था में हैं और प्रायद्वीपीय पठारों से होकर प्रवाहित होती हैं।

हिमालयी अपवाह तंत्र के नदियों के बेसिन और जलग्रहण क्षेत्र प्रायद्वीपीय नदियों की तुलना में काफी विस्तृत होते हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रायद्वीपीय नदियाँ जब समुद्र से मिलती हैं तो ज्वारनदमुख या एश्चुअरी का निर्माण करती हैं जबकि पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली नदियाँ डेल्टा बनाती हैं।

वस्तुतः पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ समुद्र में मिलने से पहले काफी लंबी दूरी तय करती और नरम चट्टानी संरचना से बहती हुई, अपने साथ बड़ी मात्रा में गाद को प्रवाहित करती है। जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ अपेक्षाकृत कम दूरी तय करती हैं और कठोर चट्टानी संरचना से होकर बहती हैं। हिमालयी नदियों द्वारा अपवाहित यही गाद समुद्र में गिरने के पश्चात् चौड़ाई में विस्तार पाकर डेल्टा का स्वरूप धारण कर लेती है किंतु प्रायद्वीपीय नदियाँ गाद की पर्याप्तता के अभाव में ज्वारनदमुख का निर्माण करत

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