हिम्मत और जिंदगी पाठ का कवि परिचय दो
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- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-1 के अंतर्गत रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित निबंध 'हिम्मत और जिंदगी' से लिया गया है। व्याख्या: साहसी मनुष्य हमेशा अपनी विचार बुद्धि से काम लेता है। ... इसीलिए साहसी मनुष्य कभी सपने उधार नहीं लेता। वह अपने विचार से काम करता है और जीवन को सुखमय बना लेता है।
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