Hindi, asked by sakshigahlot19, 2 months ago

हिम्मत से जीना सीखो पर एक अनुच्छेद लिखें।​

Answers

Answered by nehaliganvit3
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Explanation:

....साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नही करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं. जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है. ... साहसी मनुष्य सपने उधार नहीँ लेता, वह अपने विचारोँ में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है.

Answered by sahaniamankumar3
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Answer:

अपने जीवन को यदि आप हँसते और खिलखिलाते जीना चाहते हो तो अपने दिमाग और दिल ह्रदय की सभी खिड़कियो को हमेशा के लिए खुली रखो तो आप खुद ही मेहसूस कर सकोगे की आप का जीवन कितना सुखादमय है/ इसक के लिए आपको स्यंव ही पहले तैयार होना पड़ेगा की हम अपनी जिंदगी को किस तरह से जीये और किस के लिए जीये/ साथियों हर इन्सान का अपना अपना तरीका है अपनी जिंदगी जीने का कोई लाख दुख होने के बाद भी हंसते हंसते अपनी जिंदगी जीते है और कुछ इंसानो के पास सब कुछ होते हुए भी दुखी रहते हुए अपनी जिंदगी जीते है / दोस्तों मनष्य जीवन बहुमूल्य है और जो लोग इस की वास्तिविकता को सही ठंग से समझाते है वो ही जिंदगी का सही लुप्त उठाते है/ मैंने बहुत से लोगो से इस बारे में बात की और मुझे जो नतीजा मिला वो है की लोग आज के लिए कम जीते है, उन्हें कल की ज्यादा ही चिंता रहती है  और जिस भी इंसान को कल की चिंता रहती है वो न तो आज सुखी रहता है और न ही कल वो सुखी रहता है/ चिंता चिता के सामान है ये बात हम सब लोग जानते है परन्तु फिर भी हम लोग हर दिन अपनी जलती चिता को देखते हुए जी रहे है,  तो वो अपने पूरे जीवन कैसे प्रसन्ना रहा सकते है / जो लोगो आज में जीते है वो पूरे जीवन में कभी भी दुखी नहीं होते है चाहे उनके पास आज खाने को है या नहीं,  वो कल के लिए नहीं सोचते है उनका जीवन एक दम से साफ सुथरा और निर्रोग रहता है क्योकि वो कल के बारे में नहीं सोचते है इसलिए उनका दिल और दिमाग एक दम से खाली रहते है विकार नाम की चीज नहीं होती है, ऐसे लोग सिर्फ आज को ही देखते है और अपनी जिंदगी बड़े ही आराम के साथ जीते है/ करीब ९०% लोग वर्त्तमान को छोड़कर भविष्य के लिए जी रहे है / आज वो न तो खा पा रहे है और न ही सुखी पूर्व अपनी जिन्दगी को खुद जी रहे है और न ही अपने परिवार के सदस्यों को ख़ुशी के साथ जीने दे रहे है / जबकि हम सब किस चीज के लिए दिन रात मेहनत करते है,  आज के लिए या कल के लिए ? साथियो जिंदगी में कल कभी नहीं आता है / क्योकि जैसे ही हमें दूसरे दिन अपनी गतिविधियाँ चालू करेंगे और हमारी मानसिकता कल के लिए सोचने पर मजबूर हो जाएगी / और हमारा आज को वो सोच ख़राब कर देगी और हमारा पूरा दिन आज का नीरस हो जायेगा और यही क्रम पूरी जिंदगी चलता रहेगा / तो हम कैसे प्रसन्ना रह सकते है? अपनी जिन्दगी को प्यार स्नेह और करूणा के साथ जो लोग जीते है/ जीवन उन्हें लोगो का सुखमय होता है/ जो लोग कल के लिए जीते उन्हें काल ही अपने बस में कर लेता है/ और न जाने कितने रोगों से वो लोग त्रस्त हो जाते है और उन की मानसिकता ही बदल सी जाती है / और दोस्तों वो लोग अपनी खुशाल जिंदगी को काल के हवाले स्यंव कर देते है /अपने जीवन में हमें वो सब काम करना चाहिए जो की हमारी और हमारे  परिवार की जरूरत है उसके लिए कभी भी कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए/ अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देना चाहिए ताकि वो अपनी जिंदगी बड़े ही आराम के साथ अपने पैरो पर खड़े होकर काट सके,  न की अपने पिता या पारिवारिक संपत्ति को देखकर जिंदगी जीने का इरादा रखे और ये सब बाते उन्हें के बच्चे सोचते है जो की कल में यकीन रखते है/ और खुद पूरे जीवन दुखी मन से जीते रहते है और ये ही संस्कार अपने बच्चो को देते है जो की बहुत ही गलत धारणा है/ साथियो कल को भूलकर आज में जीने वाला इन्सान ही आज सुखी है/ इसलिए जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीना सीखो और स्वास्थ्य को सुखी रखो / जीवन में मुस्कराने के लिए कोई भी एक कारण काफी है जैसे की अपने बच्चों को अच्छे से पालना पोषण और उन्हें शिक्षा और दीक्षा देना ये आपकी जिंदगी का मूल मकसत होना चाहिए / साथी प्यार एक ऐसी ही चीज है जो इंसान को सुखी रख सकता है वो किसी से भी हो सकता है चाहे अपनी पत्नी से हो या माता पिता से ही या फिर अपने बच्चो से हो या परिवार से हो/ जो प्यार को समझते है वो भी बड़े आसानी से अपना जीवन जिन्दादिली के साथ जीते है / जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीये और अपने जीवन को आज में ही पहचाने न की कल की तरफ भागे और अपने काल को समय के पहले ही अपने पास बुलाले / जो लोग आज के लिए ही जीते है उनकी बहुत ही लम्बी आयु होती है और बहुत ही सुखी रहते है जैसे की देवानंद जी जो सिर्फ आज के लिए ही जीते थे / इंसान कभी भी बूड़ा नहीं होता जब तक उसकी सोच और जीने का तरीका बूड़ा नहीं होता है/ ” जिंदगी का सफ़र, है ये कैसा सफ़र कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं, है ये कैसी डगर चलते है सब मगर, कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं” / ये गीत की पंकितियाँ ही सही जिंदगी और जीवन का सार है/ जो समझ गया वो प्रसन्ना और बाकि सब ……….. और उन सभी के जीवन का सफ़र यही पर अंत हो जाता है / न कोई साथ आया था और न ही कोई साथ जाता है / मुठ्ठी बांध कर इस संसार में आते है परन्तु मुठ्ठी खोलकर जाते है यही जिंदगी का असली सत्य है /

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