१. हे मातृभूमि !!
हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में शीश नवाऊँ।
मैं भक्ति भेंट अपनी, तेरी शरण में लाऊँ ।।
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माथे पे तू हो चंदन, छाती पे तू हो माला;
जिह्वा पे गीत तू हो मेरा, तेरा ही नाम गाऊँ ।।
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जिससे सपूत उपजें, श्री राम-कृष्ण जैसे;
उस धूल को मैं तेरी निज शीश पे चढ़ाऊँ ।।
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माई ! समुद्र जिसकी पद रज को नित्य धोकर; |
करता प्रणाम तुझको, मैं वे चरण दबाऊँ ।।।
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सेवा में तेरी माता ! मैं भेदभाव तजकर;
वह पुण्य नाम तेरा, प्रतिदिन सुनें-सुनाऊँ ।।
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तेरे ही काम आऊँ, तेरा ही मंत्र गाऊँ ।।
मन और देह तुम पर बलिदान मैं जाऊँ ।। ........; isk poem ka matlab Hindi mein likh kar batao
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Sorry I can't understand Hindi
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... Sorry...
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