Hindi, asked by dhanlaxmipimpalkar, 2 months ago

हे मातृभूमि कविता का भावार्थ लिखो​

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Answered by mohityadavji2008
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अर्थ: कवि अपनी मातृभूमि से कहता है कि जिस भूमि पर राम व कृष्ण जैसे सपूतों का जन्म हुआ है, उसकी धूल को मैं अपने सिर पर चढ़ाना चाहता हूँ अर्थात कवि अपनी मातृभूमि की महानता के आगे नतमस्तक है।

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Answered by kirankaurspireedu
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Answer:

  • मातृभूमि की वंदना करते हुए कवि ने भारतवर्ष की वन-संपदा, खनिज-संपत्ति तथा भारत की महान विभूतियों का वर्णन किया है। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से कवि ने मातृभूमि भारत माता की महानता का गुणगान किया है।
  • मातृभूमि कविता में कवि अपनी जन्मभूमि को मातृभूमि कहते हैं। इस कविता में कवि अपनी मातृभूमि से विनती करते हैं कि वह उन्हें ऐसा वरदान दे जिसके जरिए वे कभी झूठ ना बोले ना कभी किसी का दिल दुखाए और पढ़ लिखकर अच्छी चीजें सीखते जाए।
  • कवि मातृभूमि के लिए तन-मन-प्राण सब कुछ समर्पित करना चाहता है। वह अपने मस्तक, गीत तथा रक्त का एक-एक कण भी अपने देश की धरती के लिए अर्पित कर देना चाहता है। ... कवि अपने गाँव, द्वार-घर-आँगन आदि सभी के प्रति अपने लगाव को छोड़कर मातृभूमि के लिए सर्वस्व प्रदान करना चाहता है।

Explanation:

कवि अपनी मातृभूमि से कहता है कि जिस भूमि पर राम व कृष्ण जैसे सपूतों का जन्म हुआ है, उसकी धूल को मैं अपने सिर पर चढ़ाना चाहता हूँ अर्थात कवि अपनी मातृभूमि की महानता के आगे नतमस्तक है।

  • मातृभूमि और प्रकृति में अटूट संबंध है। इसलिए कवि मातृभूमि को ईश्वर की सगुण मूर्ति मानता है और मातृभूमि पर बलिहारी होता हैं।
  • मातृभूमि किसी भी व्यक्ति के देश के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है,जैसे कि किसी व्यक्ति का जन्म-स्थान ,उसके पूर्वजों का स्थान अर्थात् जिस स्थान पर उसकी कई पीढ़ियाँ रहती आ रही हों वो मातृभूमि कहलाती है।
  • मातृभूमि हमें अपने मातृत्व की छाया में बड़ा करती है और कई प्राकृतिक विपत्तियों से हमारी रक्षा करती है। माँ का स्थान सबसे सर्वोच्च है जिसे हम बयांन नहीं कर सकते है। मातृभूमि की जगह हमारे मन में बसी हुई है। चाहे परस्थिति हमे कितना भी दूर करे लेकिन हम फिर अपने माँ के आँचल में समां जाते है।

#SPJ2

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