हां माता जी! मुझे पता है और यह भी पता है कि अपने प्राण खपाकर भाभी ने भैया को तो बचा लिया था, परन्तु भैया के पास भाभी को बचाने के लिए प्राण नहीं हैं।" (संस्कार और भावना)
1.गद्यांश का वक्ता कौन है? उसकी मनोदशा कैसी है? (2) 2 मुझे पता है का संदर्भ स्पष्ट कीजिए। (2) 3.भाभी ने भैया को तो बचा लिया था के आलोक में भाभी का चरित्र चित्रण कीजिए। (3) 4 भाभी को बचाने के लिए भैया के पास प्राण क्यों नहीं हैं? वक्ता ने ऐसा क्यों कहा है? (3)
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Hindi?
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