हे मातभूमि । तो चरणों में शीश नवाऊँ ।
मैं भक्ति भेट अपनी, तेरी शरण में ला ।।
माथे पे तू हो चंदन, छाती पे तू हो माला
जिहवा पे गीत न हो मेरा, तेरा ही माय गा)
जिससे सपूत उपजें, श्री राम कृष्ण जैसे
उस धूल को मैं तेरी निज शीश पें चढ़ा
पाई । समुद्र जिसकी पद रज को नित्य धोका
करता पणा तुझको, मैं चरण दयाऊ ।।
सेवा में तेरी माता पदभाव ननकर।
सह पुण्य नाम तेरा, प्रतिदिन सा-सुवा ।।
सोही बम आॐ, सेशही बगा।
मा और येत तुम मा बलिदान जाई ।।
Answers
Answered by
0
Answer:
What's the question?????????????????
Answered by
1
Answer:
nice poem ................
maa tujhe salam........
Similar questions
Geography,
5 months ago
Math,
5 months ago
Social Sciences,
5 months ago
Math,
10 months ago
Science,
1 year ago