Hindi, asked by pratyushadurga16, 3 months ago

हामिद की अम्मीजान कहाँ गयी है ?​


kaku2005mishra: /zog-ojsb-emi
kaku2005mishra: join
kaku2005mishra: meet fast
pratyushadurga16: hi

Answers

Answered by utkarshjaiswalcm
2

Answer:

sone gai thi

Explanation:

because wo thak gai thi

Answered by BlackBerrY9
11

Answer:

ईदगाह प्रेमचंद की उर्दू में लिखी हुई कहानी है। यह प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानियों में एक है।[2] इस में एक अनाथ बालक की कहानी बताई गई है।

ईदगाह प्रेमचंद की उर्दू में लिखी हुई कहानी है। यह प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानियों में एक है।[2] इस में एक अनाथ बालक की कहानी बताई गई है।"ईदगाह"लेखकप्रेमचंददेशभारतभाषाउर्दूप्रकाशनचाँद[1]प्रकाशन प्रकारपत्रिकाप्रकाशन तिथि1933

ईदगाह प्रेमचंद की उर्दू में लिखी हुई कहानी है। यह प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानियों में एक है।[2] इस में एक अनाथ बालक की कहानी बताई गई है।"ईदगाह"लेखकप्रेमचंददेशभारतभाषाउर्दूप्रकाशनचाँद[1]प्रकाशन प्रकारपत्रिकाप्रकाशन तिथि1933कहनी—रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गॉंव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियॉँ हो रही हैं। किसी के कुरते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर में सुई-धागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उनमें तेल डालने के लिए तेली के घर पर भागा जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी-पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लौटते दोपहर हो जाएगी। तीन कोस का पेदल रास्ता, फिर सैकड़ों आदमियों से मिलना-भेंटना, दोपहर के पहले लोटना असम्भव है। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोजा रखा है, वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज है। रोजे बड़े-बूढ़ो के लिए होंगे। इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे, आज वह आ गई। अब जल्दी पड़ी है कि लोग ईदगाह क्यों नहीं चलते। इन्हें गृहस्थी चिंताओं से क्या प्रयोजन! सेवैयों के लिए दूध ओर शक्कर घर में है या नहीं, इनकी बला से, ये तो सेवेयां खाऍंगे।

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