World Languages, asked by srinutoomu, 6 months ago

हामिद की स्थिति का विश्लेषण कीजिए​

Answers

Answered by priyanshuc224
4

Explanation:

ईदगाह’ बाल-मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है। परिस्थितियां उम्र नहीं देखतीं। अनाथ बच्‍चा दादी मां की गोद में पलकर समय से पूर्व परिपक्‍व हो जाता है। बड़े बूढ़े तो बच्‍चों की समस्‍याओं को समझते एवं सुलझाते ही हैं परन्‍तु प्रस्‍तुत कहानी का नायक हामिद अपनी दादी की वास्‍तविक कठिनाई को समझता है तथा उसका निराकरण करने का प्रयत्‍न करता है।

अन्‍य कहानियों की भांति इसका कथानक भी संक्षिप्‍त है। रमज़ान के तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। चारों तरफ उत्‍सव छाया है। बच्‍चे अपने मां-बाप से पैसे लेकर मेले में जाते हैं। हामिद के मां-बाप नहीं हैं, अकेली दादी है, जिसके पास धन का अभाव है। फिर भी वह हामिद की तीन पैसे देती है, ताकि वह अपने मित्रों के सा‍थ मेले में जाकर कुछ खा-पी सके। हामिद की उम्र चार-पांच वर्ष है। महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्‍मी आदि दूसरे साथी हैं, जो अपने धन-वैभव की धौंस दिखाते हैं, परन्‍तु हामिद इस बात से प्रसन्‍न है कि उसके अब्‍बाजान और अम्‍मीजान खूब पैसा कमाकर लायेंगे। वह आश्‍वस्‍त है क्‍योंकि ‘आशा तो बड़ी चीज़ है और फिर बच्‍चों की आशा। उनकी कल्‍पना तो राई का पर्वत बना लेती है। हामिद के पांव में जूते नहीं हैं, सिर पर एक पुरानी-धुरानी टोपी है, जिसका गोटा काला पड़ गया है, फिर भी वह प्रसन्‍न है। ’

बच्‍चे मेले में जा रहे हैं। कभी जिन्‍नों की बात करते हैं, कभी

Answered by dharmendragohati2016
5

Explanation:

परिस्थितियां उम्र नहीं देखतीं। अनाथ बच्‍चा दादी मां की गोद में पलकर समय से पूर्व परिपक्‍व हो जाता है। ... हामिद के मां-बाप नहीं हैं, अकेली दादी है, जिसके पास धन का अभाव है। फिर भी वह हामिद की तीन पैसे देती है, ताकि वह अपने मित्रों के सा‍थ मेले में जाकर कुछ खा-पी सके।

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