Hindi, asked by lukkarohith2, 4 days ago

हामि द खाँनेलेखक की कि स बात पर वि श्वास नहींकि या और क्यों ? लेखक के द्वारा दि ए गए उत्तर
सेहमेंक्या सीख मि लती है? स्पष्ट कीजि ए।

Answers

Answered by sruthiusha2203
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Answer:

हामिद को लेखक की भेदभाव रहित बातों पर विश्वास नहीं हुआ। लेखक ने हामिद को बताया कि उनके प्रदेश में हिंदू-मुसलमान बड़े प्रेम से रहते हैं। वहाँ के हिंदू बढ़िया चाय या पुलावों का स्वाद लेने के लिए मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। ... हिंदू होकर भी लेखक मुसलमान के ढाबे पर खाना खाने गया था।उसने लेखक को बड़े प्रेम से खाना खिलाया और जिद करने पर भी केवल एक रुपया ही लिया और वह भी यह कहते हुए वापस कर दिया कि इससे अपने मुल्क में जाकर किसी मुसलमानी होटल में पुलाव खा लेना। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि हिंदू-मुसलमान सब एक हैं हमें आपस में प्रेम और भाईचारे की भावना से एक साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए।

Explanation:

आशा है कि यह आपकी मदद करेगा कृपया मुझे सबसे बुद्धिमान के रूप में चिह्नित करें

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