हुमायूँ के पास रक्षा-सूत्र लेकर कौन गया?
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रानी कर्णवती विधवा थीं और उनके पास इतनी सैन्य शक्ति नहीं थी कि वे अपने राज्य की रक्षा कर सकें। तब उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी और मदद के लिए प्रार्थना की। राखी तो हिंदुओं का पर्व है और हुमायूं मुस्लिम था, लेकिन उसने राखी का मान रखा और कर्णवती को बहन मानकर फैसला किया कि वह उसकी मदद जरूर करेगा।
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रानी कर्णवती
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रानी कर्णवती विधवा थीं और उनके पास इतनी सैन्य शक्ति नहीं थी कि वे अपने राज्य की रक्षा कर सकें। तब उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी और मदद के लिए प्रार्थना की। राखी तो हिंदुओं का पर्व है और हुमायूं मुस्लिम था, लेकिन उसने राखी का मान रखा और कर्णवती को बहन मानकर फैसला किया कि वह उसकी मदद जरूर करेगा।
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