हिमगिरि के हिम से निकल - निकल,
यह विमल दूध - सा हिम का जल,
कर- कर निनाद कल- कल छल- छल
बहता आता नीचे पल- पल,
तन का चंचल, मन का विह्वल
यह लघु सरिता का जल!
क) सरिता का जल कहाँ से आ रहा है?
ख) सरिता का जल किस रंग का है?
ग)सरिता के जल की क्या- क्या विशेषताएँ हैं?
घ)'जल' के दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
ड•) पद्यांश का उचित शीर्षक ( नाम )
Answers
him aur Himgiri se Sarita Ke Jal ka kya sambandh hai vistar se likhiye
हिमगिरि के हिम से निकल - निकल,
यह विमल दूध - सा हिम का जल,
कर- कर निनाद कल- कल छल- छल
बहता आता नीचे पल- पल,
तन का चंचल, मन का विह्वल
यह लघु सरिता का जल!
क) सरिता का जल कहाँ से आ रहा है?
उत्तर : सरिता का जल हिमगिरि अर्थात बर्फ के पहाड़ों से आ रहा है।
ख) सरिता का जल किस रंग का है?
उत्तर : सरिता का जल दूध सा सफेद है।
ग) सरिता के जल की क्या- क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर : सरिता के जल की विशेषताएं हैं कि ये निरंतर कल-कल निनाद करता हुआ आता है, जो कि विमल दूध सा सफेद है।
घ) 'जल' के दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
उत्तर : जल के दो पर्यायवाची हैं, नीर और पानी।
ड•) पद्यांश का उचित शीर्षक ( नाम )
उत्तर : पद्यांश का उचित शीर्षक होगा : सरिता-जल
#SPJ3
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निम्नलिखित अपठित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
जननी तेरे सभी जात हम जननी तेरी जय हो।
विश्वराज के प्रजातन्त्र में किसको किसका भय है।
हैं व्यक्तित्व स्वतन्त्र हमारे साधित सर्वोदय है।
सीमाओं के बन्धन टूटे प्रलय युद्ध सब पीछे छूटे।
जन-जन ने जीवन रस लूटे, हिंसा रहित हृदय है।
न 1. व्यक्ति की स्वतन्त्रता से क्या सध रहा है?
2 उपर्युक्त पद्यांश का सारांश लिखिए।
https://brainly.in/question/27121264
फूलों की राह पुरानी है. शूलों की राह नई साथी
सुमनों के पथ पर चरणों के कितने ही चिन्ह पड़े होंगे
लालायित फिर भी चलने को. कितने ही चरण खडे होंगे
पर, गैल अछूती शूलों की. जो चूमे वही जवानी है
जो लहू सींचकर बढ़ते है. उनका ही कूच रवानी है
जीवन की चाह पुरानी है. मरने की चाह नई साथी
फूलों की राह पुरानी है. शूलों की राह नई साथी
(क) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1)
(ख) कौनसी राह अछूती रह जाती है?
(ग) किस राह को नई माना गया है और क्यों? (2)
https://brainly.in/question/37673816