Hindi, asked by shubhamkumarmes2020, 8 days ago

ह) मधुबन तुम कह रहत हरे।
विरह वियोग स्याम सुंदर के ठाढ़े क्यों न जरे।​

Answers

Answered by mahtochandan654
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Explanation:

  1. Madhuban Madhuban Tum kat raha tha hare birha viyog Shyam Sundar ke thande kyon Na ja
Answered by bhatiamona
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मधुबन तुम कह रहत हरे।

विरह वियोग स्याम सुंदर के ठाढ़े क्यों न जरे।​

सूरदास द्वारा रचित पद की इस पंक्ति के माध्यम से सूरदास कह रहे हैं कि ब्रज की सभी गोपियां अपने प्रियतम श्री कृष्ण के वियोग से बहुत दुखी हैं। कृष्ण के विरह की अग्नि में जल रही यह गोपियां मधुबन को संबोधित करते हुए कहती हैं कि अरे मधुबन तुम हमारे प्रियतम कृष्ण की अनुपस्थिति में भी इतने हरे-भरे कैसे हो, बल्कि होना तो यह चाहिए था कि जिस पल हमारे श्रीकृष्ण तुम्हें छोड़कर यहां से चले गए थे। तुम्हें तो उसी पल जलकर राख हो जाना चाहिए था।

इस तरह इस पद में गोपियां मधुबन को धिक्कार रही हैं, कि श्रीकृष्ण की अनुपस्थित का मधुबन पर प्रभाव क्यो नही पड़ा।

#SPJ2

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सोहत ओढ़ें पीतु पटु स्याम, सलौनें गात।

मनौ नीलमनि-सैल पर आतपु पर्यो प्रभात।।

कहलाने एकत बसत अहि मयूर, मृग बाघ।

जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ-दाघ निदाघ।।

बतरस-लालच लाल की मुरली धरी लुकाइ।

सौंह करें भौंहनु हँसै, दैन कहैं नटि जाइ।।

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