Hindi, asked by qureshialina99, 9 hours ago

हा ) निम्मलिखित गद्यांश पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए,जिनके उत्तर गद्यांश मे एक-एक वाक्य में हो स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं मे कुछ लोग यह कहते मिलेंगे - जब तक विज्ञान और तकनिकी ग्रंथ हिंदी में न हो तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब की स्वामी श्रध्दानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरूकुल काँगडी में हिंदी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे। ग्रंथ भी हिंदी में थे और पढाने वाले भी हिंदी के थे। जहाँ चाह होती है वही राह निकलती है । एक लंबे अरसे तक अंग्रेजी गुरूकुल काँगडी को भी राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नही कि गुरूकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तडप थी। स्वामी श्रध्दानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरूकुल का संस्थापक हो और हिंदी शिक्षा का माध्यम हो वही राष्ट्रीयता नही पनपेगी तो कह पनपेगी। स्वामी जी से मिलने देश के प्रमुख राष्ट्रीय नेता भी गुरूकुल आते रहते थे।​

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Answered by hoooom327
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Explanation:

कौन हिंदी की शिक्षा दे रहे थे

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