हिन्दी आलोचना से उसके विशेता पर प्रक्श डाले
Answers
Answered by
1
Answer:
इस मूल्यांकन-प्रक्रिया में रसास्वादन, विवेचन, परीक्षण, विश्लेषण आदि का योगदान होता है। आलोचना, रचना और पाठक या सहृदय के बीच सेतु का कार्य करती है। यह रचना के मूल्य और सौंदर्य को उद्घाटित करती है, पाठक की समझ का विस्तार करती है और कृति को जाँचने-परखने के लिए उसे आलोचनात्मक दृष्टि देती है।
Explanation:
Hope it helps!
Answered by
3
Answer:
इस मूल्यांकन-प्रक्रिया में रसास्वादन, विवेचन, परीक्षण, विश्लेषण आदि का योगदान होता है। आलोचना, रचना और पाठक या सहृदय के बीच सेतु का कार्य करती है। यह रचना के मूल्य और सौंदर्य को उद्घाटित करती है, पाठक की समझ का विस्तार करती है और कृति को जाँचने-परखने के लिए उसे आलोचनात्मक दृष्टि देती है।
Explanation:
FlW Me
❤BaBy GiRL❤
Similar questions