Environmental Sciences, asked by pkbalaji044, 5 months ago

हिन्दी भारतीयों की भावात्मक अभिव्यक्ति का एकमार माध्यम
है। इसके अभाव में भारतीयता' की अभिव्यक्ति हो ही नहीं सकती।
यह भारत की आत्मा है।
अभ्यास
1. राजर्षि टंडन अंग्रेजी के लिए पन्द्रह वर्ष की छूट देना क्यों नहीं
चाहते थे?
2. आज देश में हिन्दी को जो स्थान प्राप्त है उसकी समीक्षा करें। ।
3. गुरु गोविन्द सिंह ने हिन्दी के लिए क्या किया?
4. महर्षि दयानन्द से हिन्दी अपनाने का आग्रह किसने किया?
5. महात्मा गाँधी ने बी. बी. सी. को भारत के आजाद होने पर अपना
सन्देश प्रसारित करने के लिए क्यों नहीं दिया?
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Answers

Answered by aryan418436
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Answer:

1.राजर्षि टंडन नेहरू जी की अंग्रेजी भक्ति से पूर्व परिचित थे। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि यदि एक बार अंग्रेजी के लिए 15 वर्ष की छूट दी गई तो हिन्दी कभी राष्ट्रभाषा नहीं बनेगी। हुआ भी वही जो उनको आशंका थी क्योंकि 15 वर्ष पूरे होने से पहले टंडन जी और बालकृष्ण स्वर्गवासी हो गए।

2.आज देश में हिंदी की जो स्थिति है वह मिश्रित स्थिति है। हम उसे बहुत बढ़िया भी नहीं कर सकते और बहुत खराब भी नहीं कह सकते। हिंदी आगे बढ़ी है तो अपने दम पर आगे बढ़ती ही जा रही है।

3.गोविंद सिंह ने साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी. उनका जीवन अन्याय, अधर्म, अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरा. ... आज के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और गुरुवाणी का पाठ होता है. सिख समुदाय के लोग सुबह प्रभातफेरी निकालते हैं और लंगर का आयोजन किया जाता है..

4.मातृभाषा गुजराती और संस्कृत का अथाह ज्ञान होने के बावजूद महर्षि ने इसे हिंदी में लिखा। संस्कृत छोड़कर हिंदी अपनाने की सलाह उन्हें कलकत्ता प्रवास के दौरान केशवचंद्र सेन ने दी थी।

5उन्होंने कहा ''महात्मा गांधी जी ने कहा था पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उनको भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है. ... पीएम मोदी गांधी के इस बयान का ज़िक्र करते हुए विपक्ष और देश से यह कह रहे थे कि ऐसा महात्मा गांधी आज़ादी के समय से चाहते थे. बीबीसी ने प्रधानमंत्री के इस दावे की पड़ताल शुरू की

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