Hindi, asked by prsahu945, 9 months ago

हिन्दी भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर एक टिप्पणी लिखिए।
2 कामता प्रसाद गुरू का जीवन-परिचय देते हुए हिन्दी व्याकरण के क्षेत्र में
2
योगदान को स्पष्ट कीजिए।
३ भक्ति-आन्दोलन पर प्रकाश डालिए।
4. छायावाद युग की विषेशताएँ बताइए।
5. रस की परिभाषा देते हुए उसके भेदों तथा उनके स्थायी भावों की चर्चा
कीजिए।​

Answers

Answered by riteshpandy22
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Answer:

हिन्दी का स्वरूप शौरसेनी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से विकसित हुआ है। १००० ई. के आसपास इसकी स्वतंत्र सत्ता का परिचय मिलने लगा था, जब अपभ्रंश भाषाएँ साहित्यिक संदर्भों में प्रयोग में आ रही थीं। यही भाषाएँ बाद में विकसित होकर आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के रूप में अभिहित हुईं।

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