Hindi, asked by Sudhalatwal5608, 1 year ago

हिन्दी की प्रथम डायरी हैं।

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Answered by Allahrakka
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हिन्दी का प्रथम कवि हिन्दी साहित्य का आरम्भ कुछ विद्वान् चंदबरदाई (पृथ्वीराज रासो) से मानते हैं; तो कुछ शालिभद्र सूरि (भरतेश्वर बाहुबली रास), सरहप्पा (दोहाकोष), गोरखनाथ, स्वयम्भू से।[1] राहुल सांकृत्यायन ने हिंदी का प्रथम कवि जैन साहित्य के रचयिता सरहपा को माना है जिनका जन्मकाल ८वीं सती माना जाता है | परन्तु हजारीप्रसाद द्विवेदी ने हिंदी का प्रथम कवि अब्दुर्हमान को माना है । ये मुलतान के निवासी और जाति के जुलाहे थे। इनका समय १०१० ई० है। इनकी कविताएँ अपभ्रंश में हैं। -(संस्कृति के चार अध्याय, रामधारी सिंह दिनकर, पृष्ठ ४३१)

हिन्दी का अध्यापन आरम्भ करने वाला प्रथम विश्वविद्यालय कोलकाता विश्वविद्यालय (फोर्ट विलियम् कॉलेज)

भारत में पहली बार हिन्दी में एम॰ए॰ की पढ़ाई कोलकाता विश्वविद्यालय में कुलपति सर आशुतोष मुखर्जी ने १९१९ में शुरू करवाई थी।

हिन्दी में प्रथम डी॰लिट्॰ डा. पीतांम्बरदत्त बड़थ्वाल (१९३९ में बाबू शयामसुन्दर दास के निर्देशन में अंग्रेजी में लिखे उनके शोध प्रबन्ध 'द निर्गुण स्कूल ऑफ हिन्दी पोयट्री' पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी॰लिट॰ की उपाधि प्रदान की।)[2]

हिन्दी माध्यम में प्रस्तुत हिन्दी की प्रथम शोध कृति फादर कामिल बुल्के कृत 'रामकथा : उत्पत्ति और विकास' (१९४९ ई.)

हिन्दी के प्रथम एम॰ए॰ नलिनी मोहन सान्याल (जो बांग्लाभाषी थे।)

विज्ञान में शोधप्रबंध हिन्दी में देने वाले प्रथम विद्यार्थी मुरली मनोहर जोशी

अन्तरराष्ट्रीय संबन्ध पर अपना शोधप्रबन्ध लिखने वाले प्रथम व्यक्ति वेद प्रताप वैदिक

हिन्दी में बी.टेक. का प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले प्रथम विद्यार्थी श्याम रुद्र पाठक (सन् १९८५)

डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) की शोधप्रबन्ध पहली बार हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले डॉ० मुनीश्वर गुप्त (सन् १९८७)

हिन्दी माध्यम से एल-एल०एम० उत्तीर्ण करने वाला देश का प्रथम विद्यार्थी चन्द्रशेखर उपाध्याय

प्रबंधन क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से प्रथम शोध-प्रबंध के लेखक भानु प्रताप सिंह (पत्रकार) । विषय था, उत्तर प्रदेश प्रशासन में मानव संसाधन की उन्नत प्रवत्तियों का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन- आगरा मंडल के संदर्भ में

हिन्दी का पहला इंजीनियर कवि मदन वात्स्यायन

हिन्दी में निर्णय देने वाले पहले न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री प्रेम शंकर गुप्त

सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में हिन्दी के प्रथम वक्ता नारायण प्रसाद सिंह (सारण-दरभंगा ; १९२६)

लोकसभा में सबसे पहले हिन्दी में सम्बोधन सीकर से रामराज्य परिषद के सांसद एन एल शर्मा। उन्होने पहली लोकसभा की बैठक के प्रथम सत्र के दूसरे दिन 15 मई 1952 को हिन्दी में संबोधन किया था।

हिन्दी में संयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण देने वाला प्रथम राजनयिक अटल बिहारी वाजपेयी

हिन्दी का प्रथम महाकवि चन्दबरदाई

हिन्दी का प्रथम महाकाव्य पृथ्वीराजरासो

हिन्दी का प्रथम ग्रंथ पउमचरिउ (स्वयंभू द्वारा रचित)

हिन्दी का पहला समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड (जुगलकिशोर शुक्ल)

हिन्दी की प्रथम पर्यावरण पत्रिका पर्यावरण डाइजेस्‍ट ( संपादक - डॉ. खुशाल सिंह पुरोहित )

हिन्दी-आन्दोलन हिन्दीभाषी प्रदेशों में सबसे पहले बिहार प्रदेश में सन् 1835 में हिन्दी आंदोलन शुरू हुआ था। इस अनवरत प्रयास के फलस्वरूप सन् 1875 में बिहार में कचहरियों और स्कूलों में हिन्दी प्रतिष्ठित हुई।

समीक्षामूलक हिन्दी का प्रथम मासिक साहित्य संदेश (आगरा, सन् 1936 से 1942 तक)

हिन्दी का प्रथम आत्मचरित अर्धकथानक (कृतिकार हैं, जैन कवि बनारसीदास (कवि) (वि॰सं॰ १६४३-१७००))

हिन्दी का प्रथम व्याकरण 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' (दामोदर पण्डित)

हिन्दी व्याकरण के पाणिनी किशोरीदास वाजपेयी

हिन्दी का प्रथम मानक शब्दकोश हिन्दी शब्दसागर

हिन्दी का प्रथम विश्वकोश हिन्दी विश्वकोश

हिन्दी की प्रथम आधुनिक कविता 'स्वप्न' (महेश नारायण द्वारा रचित)[3]

मुक्तछन्द का पहला हिन्दी कवि महेश नारायण[4]

हिन्दी की प्रथम कहानी हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है। हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्ला खाँ की 'रानी केतकी की कहानी' (सन् 1803 या सन् 1808), राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' (19 वीं सदी का उत्तरार्द्ध), किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' (सन् 1900), माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' (सन् 1901), आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' (सन् 1903) और बंग महिला की 'दुलाई वाली' (सन् 1907) नामक कहानियाँ आती हैं। परन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत 'इन्दुमती' को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है।

हिन्दी का प्रथम लघुकथाकार  

हिन्दी का प्रथम उपन्यास 'देवरानी जेठानी की कहानी' (लेखक - पंडित गौरीदत्त ; सन् १८७०)। श्रद्धाराम फिल्लौरी की भाग्यवती और लाला श्रीनिवास दास की परीक्षा गुरू को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यस होने का श्रेय दिया जाता है।

हिन्दी का प्रथम विज्ञान गल्प ‘आश्चर्यवृतान्त’ (अंबिकादत्त व्यास ; 1884-1888)

हिन्दी का प्रथम नाटक नहुष (गोपालचंद्र, १८४१)

हिन्दी का प्रथम काव्य-नाटक ‘एक घूँट’ (जयशंकर प्रसाद ; 1915 ई.)

हिन्दी के प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता माखनलाल चतुर्वेदी (१९५५ में हिमतरंगिनी के लिए)

हिन्दी का प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता सुमित्रानंदन पंत (१९६८)(चिदम्बरा के लिये प्राप्त हुआ)

हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास भक्तमाल / इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐन्दूस्तानी (अर्थात "हिन्दुई और हिन्दुस्तानी साहित्य का इतिहास", लेखक गार्सा-द-तासी)

हिन्दी में प्रथम जीवनी भक्तमाल (१५८५ ई० नाभादास)

Answered by TabishFatima786
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मेरी कालेज - डायरी

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