हिन्दी कक्षा-12
14
जाते जाते अगर पथ में क्लान्त कोई दिखावे।
तो जाके सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना।
धीरे धीरे परस करके गात उत्ताप खोना।
सद्गंधों से श्रमित जन को हर्षितों सा बनाना।।6।।
Answers
पूरा प्रश्न : निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर प्रश्नों का उत्तर दीजिए -
i) राधा पवन को क्लान्त व्यक्ति के सम्बन्ध में क्या समझाती है?
ii) राधा ने पवन को पथिक महिला के साथ कैसा व्यवहार करने के लिए निर्देश दिया ?
iii) कमल-मुख में कौन-सा अलंकार है ?
iv) रेखांकित अंश का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
v) उपर्युक्त पद्यांश के पाठ का शीर्षक और उसके कवि का नाम लिखिए।
उत्तर : i) राधा पवन को उस क्लान्त व्यक्ति के सम्बन्ध में यह समझाती है कि हे पवन! यदि तुम्हें रास्ते में कोई थका हुआ व्यक्ति मिल जाए तो मंद मंद बहकर उसकी थकान को मिटा देना और उसे प्रसन्न कर देना l
ii) राधा ने पवन को पथिक महिला के साथ शांत और सौम्य व्यवहार करने का निर्देश दिया है। राधा पथिक महिला की तुलना कमल से करते हुए पवन को निर्देश देती है कि उसके कमल के समान कोमल मुख की थकान को मिटा दो l
iii) 'कमल-मुख' इसमें रूपक अलंकार है।
iv) रेखांकित अंश की व्याख्या : इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि माता राधा वायु के माध्यम से अपने दुख को प्रकट कर रही है और मार्ग में आने वाले प्रजा के लोगों के हितों को सुनिश्चित कर रही है l वह पवन को निर्देश देते हुए उनकी थकान को मिटाने और उन्हें शीतल करने की बात कहती है l
v) प्रस्तुत पद्यांश 'पवन दूतिका' नामक शीर्षक से लिया गया है। इसके रचयिता अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' हैं।
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