हिन्दी में विराम चिहनो का क्या महत्व है हिन्दी में प्रयोग किए जाने वाले दो विराम चिहनो के नाम लिखिए
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Viram Chinh in Hindi (विराम चिन्ह) – विराम का अर्थ है-रुकना या ठहरना। वक्ता अपने भावों व विचारों को व्यक्त करते समय वाक्य के अन्त में या कभी-कभी बीच में ही साँस लेने के लिए रुकता है, इसे ही विराम कहते हैं। इस प्रकार की रुकावट या विराम साँस लेने के अतिरिक्त अर्थ की स्पष्टता के लिए भी आवश्यक है
(1) पूर्ण विराम (।) किसी वाक्य के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह लगाने का अर्थ होता है कि वह वाक्य खत्म हो गया है। ...
(2)अर्द्ध विराम
Explanation:
लिखने में रुकावट या विराम के स्थानों को जिन चिह्नों द्वारा प्रकट किया जाता है, उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं। इनके प्रयोग से वक्ता के अभिप्राय में अधिक स्पष्टता का बोध होता है। इनके अनुचित प्रयोग से अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है;
जैसे-
“कल रात एक नवयुवक मेरे पास पैरों में मोजे और जूते, सिर पर टोपी,
हाथ में छड़ी, मुँह में सिगार और कुत्ता पीछे-पीछे लिए आया”।
“कल रात एक नवयुवक मेरे पास, पैरों में मोजे और जूते सिर पर, टोपी
हाथ में, छड़ी मुँह में, सिगार और कुत्ता पीछे-पीछे लिए आया।”
विराम-चिह्नों के बदलने से वाक्य का अर्थ भी बदल जाता है;
जैसे-
उसे रोको मत, जाने दो।
उसे रोको, मत जाने दो।
Answer:
(1) पूर्ण विराम
(2) अल्पविराम