हिन्दि साहित्य के इतिहास के पुनरलेखन की आवश्यकता क्या है तथा इसमें क्या समस्याएं है? स्पष्ट कीजिए।
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कहा जा सकता है कि साहित्येतिहास के पुनर्लेखन की पहली समस्या है, इतिहास विषयक सम्यक जानकारी का अभाव और इस दिशा में इतिहासकार का उपेक्षा भाव ! ... किसी भी भाषा का साहित्येतिहास उस भाषा के संपूर्ण साहित्य के मूल्यांकन का सार होता है। अत: साहित्येतिहास-लेखन से पहले पूरे साहित्य का मनोयोग पूर्वक अध्ययन अपेक्षित होता है
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