हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा को संक्षेप में समझाइए।
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हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की शुरुआत फ्रेंच विद्वान 'गार्सा-द-तासी' द्वारा रचित 'इस्त्वार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी' नामक ग्रन्थ से हुई जिसका प्रकाशन दो भागों में किया गया. इनमें प्रथम भाग का प्रकाशन सन 1839 ई. में और द्वितीय भाग का प्रकाशन सन 1847 ई. में हुआ।
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हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की शुरुआत फ्रेंच विद्वान 'गार्सा-द-तासी' द्वारा रचित 'इस्त्वार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी' नामक ग्रन्थ से हुई जिसका प्रकाशन दो भागों में किया गया. इनमें प्रथम भाग का प्रकाशन सन 1839 ई. में और द्वितीय भाग का प्रकाशन सन 1847 ई. में हुआ।
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