हिन्दू धर्म का एक प्राचीन धर्म शास्त्र मनु धर्म पर एक टिपण्णी लिखिए
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मनुसंहिता सनातन हिन्दू धर्म का ग्रंथ है । इसे ही मनु स्मृति भी कहते है | भारत में वेदों – पुराणों के बाद 'मनुस्मृति' का प्रचलन लोगों में अधिक है। इसके अंतर्गत हिन्दुओं के सभी धार्मिक,सामाजिक और नैतिक कर्तव्यों का विवेचन है। 'मनुसंहिता' का रचना काल ई. पू. एक हज़ार वर्ष से लेकर ई. पू. दूसरी शताब्दी तक माना जाता है। इसके संबंध में कहा गया है कि धर्म, वर्ण और आश्रमों के विषय में ज्ञान प्राप्ति की इच्छा से समस्त ऋषि स्वायंभुव मनु के सामने उपस्थित हुए। मनु ने उनको वह ज्ञान प्रदान किया जो उन्होंने ब्रह्मा से प्राप्त किया था और कहा कि मरीचि आदि मुनिगण इस ज्ञान को जान चुके हैं , इन्होने वहाँ उपस्थित होने के कारण मुझसे सब विषयों को अच्छी तरह ग्रहण किया है और अब ये आप लोगों को बताएंगे। इस पर भृगु ने मनु की उपस्थिति में, उनका बताया ज्ञान, मनु की ही शब्दावली में अन्य ऋषि-मुनियों को दिया। यही ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा में 'मनुस्मृति' या 'मनुसंहिता' कहलाया तथा इसमें उद्धृत ज्ञान का पालन “मनु धर्म” के नाम से प्रचलित हुआ।