Hindi, asked by meeavinash001, 1 month ago

िहानगरों िें भीड़ होती है, भीड़ उसे कहते हैं, जहााँ लोगों का जिघट होता है। लोग तो होते हैं, लेककन

उनकी छाती िें हृदय नह ं होता। मसर होते हैं, लकेकन उनिें ववचार और िुद्धध नह ं होती। हाि होते हैं; लेककन उन

हािों िें पत्िर होते हैं, ववध्वंस के मलए। वे हाि तनिार्व के मलए नह ं होते। यह भीड़ एक अंधी गल से दसू र

अंधी गल की ओर जाती है, क्योंकक भीड़ िें होने वाले लोगों का आपस िें कोई ररश्ता नह ं होता।

वे एक-दसू रे के कुछ भी नह ं लगते। सारे अनजान लोग इकट्िे होकर ववध्वंस करने िें एक-दसू रे का साि

देते हैं, क्योंकक स्जन इिारतों, िसों और रेलों िें तोड़-फोड़ का काि करते हैं, वे उनकी नह ं होती और न ह उनिें

सफर करने वाले उनके अपने होते हैं। िहानगरों िें लोग एक ह बिस््डंग िें पडोसी की तरह रहते हैं, लेककन यह

पड़ोस भी संिंध रठहत होता है। पुराने ज़िाने िें दह जिाने के मलए जािन िााँगने पड़ोस िें लोग जाते िे, अि

हर ‘फ़्लैट’ िें किज है, इसमलए जाने की ज़रूरत नह ं रह । सारा पड़ोस, सारे संिंध इस किज िें ‘िीज़’ हो गए हैं।

[क] लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कक लोग तो होते हैं, लेककन उनकी छाती िें हृदय नह ं होता? 1

[ख] गद्यांश के आधार पर भीड़ की ववशेषता मलखखए। 1

[ग] िहानगरों िें लोग कै से रहते हैं? 1

[घ] संिंधों का िीज़ होने का आशय क्या है? 1

[ङ] उपयुक्व त गद्यांश का उपयुक्त शीषकव मलखखए।​

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Answered by kapil8090890739
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Answer:

I don't want to answers these silly question.

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