'हार के जीत' पाठ को पढ़े और बताइए कि बाबा भारती से मिलने कौन आया ,वह अपने उद्देश्य में कैसे सफल हुआ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए
Answers
Baba Bharati se milane Kaun aaya pure Desh mein bataiye
‘हार की जीत’ कहानी में बाबा भारती से मिलने डाकू खड़ग सिंह आया था। वह बाबा के साथ छल करके अपने उद्देश्य में सफल हो गया था।
कहानी का सारांश इस प्रकार है...
बाबा भारती गाँव के बाहर बने एक मंदिर में रहते थे। उनके पास एक घोड़ा था, वह घोड़ा उन्हें अत्यंत प्रिय था। उस घोड़े का नाम सुल्तान था, जो बेहद सुंदर और मोहक चाल वाला था। उस घोड़े की प्रसिद्धि सब जगह फैली थी। डाकू खड़क सिंह ने भी उस घोड़े की तारीफ सुनी तो उसके मन में उस घोड़े को हासिल करने की तमन्ना जाग उठी। वह बाबा भारती के पास आया उसने घोड़े की चाल देखी और उसे घोड़ा भा गया. जाते-जाते उसने बाबा को कहा कि वह यह घोड़ा आपके पास नहीं रहने देगा।
बाबा भारती खड़क सिंह की बातों से डर गए और वह सावधान हो गए। एक दिन वे किसी काम से बाहर घूम रहे थे, तभी पेड़ के नीचे एक अपाहिज व्यक्ति मिला। उसने उनसे तीन मील आगे रामा वाला मंदिर तक छोड़ने का निवेदन किया। बाबा भारती ने उसे अपने घोड़े पर बैठा लिया। जैसे ही व्यक्ति घोड़े पर बैठा वह घोड़े को दौड़ा कर ले जाने लगा। दरअसल व्यक्ति अपाहिज के वेश में डाकू खड़ग सिंह था। उसने बाबा भारती के साथ छल किया था। जब घोड़े को ले जाने लगा, तब बाबा भारती ने कहा कि इस घटना को किसी को ना बताएं नहीं तो कोई भी कभी किसी अपाहिज पर विश्वास नहीं करेगा। जाते-जाते बाबा भारती की यह बात सुन डाकू खड़ग सिंह के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा और वह कुछ दिनों के बाद बाबा के घोड़े को अस्तबल में चुपचाप बांधकर चला गया।