होरी खाट पर पड़ा शायद सब कुछ देखता था, सब कुछ समझता था, पर जबार बन्द होइकाई / Unit-1
प्र. 1. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए.
होरी खाट पर पड़ा शायद सब कुछ देखता था, सब कुछ समझता था, पर जबार बन्द हो गई थी। हाँ, उस की आँखों से बहते आँसू बता रहे थे कि मोह का बंधन तोड़ना कितना कठिन हो रहा है। जो कुछ अपने से नहीं बन पड़ा, उसी के दुःख का नाम तो मोह है। पाले हुए कर्तव्य और निपटाए हुए कामों का क्या मोह! मोह तो उन अनाथों को छोड़ जाने में है जिनके साथ हम अपना कर्तव्य न निभा सके उन अधूरे मंसूबों में है जिन्हें हम पूरा न कर सके।
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दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन हेतु अनुबंध के आधार पर कुछ शिक्षकों की आवश्यकता है। अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए निगमायुक्त उत्तरी दिल्ली नगर निगम टाउन हाल दिल्ली को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कीजिए।
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