हंसी हंसी बाजे देख दूल्हा दिगंबर को पावनी जावे हिमाचल के ऊंचा में हास्य रस का उदाहरण है कृपया इसका स्पष्टीकरण दीजिए
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हंसी हंसी बाजे देख दूल्हा दिगंबर को पावनी जावे हिमाचल के ऊंचा में
व्याख्या :
यह पंक्ति हास्य रस का उदाहरण है, क्योंकि इन पंक्तियों को पढ़कर हास्य भाव की उत्पत्ति हो रही और हँसी की अनुभूति हो रही है। हास्य रस वहां पर प्रकट होता है जब किसी काव्य को पढ़कर सहज रूप से हँसने का मन करे। मन में गुदगुदी हो या मन प्रफुल्लित हो।
इन पंक्तियों में हास्य रस हास्य रस प्रकट हो रहा है। हास्य रस का स्थाई भाव हास है। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की वेशभूषा, उसकी वाणी या उसकी चेष्टा में आई किसी भी विकृति या अनोखी बात को देखकर सहज रूप से हंसी आ जाए। तब वहां पर हास्य रस प्रकट होता है।
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